दिल्ली में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कट रहे हैं चालान, पिछले साल के मुकाबले पहले 3 महीनों में 13 गुना इजाफा

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दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर साल सड़क हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। सबसे अधिक मौत शराब पीकर वाहन चलाने के कारण होती हैं। साल दर साल दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसमें कमी लाने के उद्देश्य से दिल्ली यातायात पुलिस ने कई कदम उठाए हैं। दिल्ली में इस साल सिर्फ साल तीन महीनों में शराब पीकर ड्राइविंग करने पर पांच हजार से ज्यादा चालान काटे जा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले दो सालों की तुलना में 13 गुना ज्यादा है। 2022 और 2021 में यह आंकड़ा 399 और 286 था।

शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ यातायात पुलिस ने वर्तमान वर्ष में जिस तरह का अभियान चलाया है, उस तरह का प्रभावी अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया। एक जनवरी से 31 मार्च तक यातायात पुलिस ने पूरी दिल्ली में विशेष अभियान चलाकर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के 5384 चालान काटे। इसी तीन माह की अवधि के दौरान 2021 में केवल 286 और 2022 में 399 चालान काटे गए।

कोरोना महामारी के बाद दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने ड्रंक ड्राइविंग पर लगाम लगाने के लिए अभियान शुरू किया था। ट्रैफिक पुलिस ने रात में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ ब्रेथ एनालाइजर के जरिए अभियान शुरू किया और महत्वपूर्ण जगहों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया।

पुलिस ने एरियावाइज विशलेषण कर उन जगहों को चिन्हित किया, जहां पर शराब पीकर ड्राइविंग करने वाले सबसे ज्यादा होते हैं। ये इलाके खजूरी खास, शाहदरा, कल्याणपुरी, नजफगढ़, मंगोलपुरी, सरिता विहार, हौज खास हैं। अकेले खजूरी खास इलाके में ही पिछले तीन महीने में 479 से ज्यादा चालान काटे गए हैं।

आंकड़ों में यह भी दिखाया गया कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों का बार-बार आना-जाना लगा रहता है। पिछले साल पुलिस ने पाया था कि पंजाबी बाग क्लब रोड, नजफगढ़ रोड, लाजपत नगर मेन रोड और महरौली रोड पर ड्रंक ड्राइविंग करने वाले सबसे ज्यादा होते हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “महामारी के बाद, हमने न केवल तैनाती बढ़ाई है बल्कि रणनीतिक रूप से डार्क स्पॉट्स, लंबे मार्गों और सड़कों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। इसके परिणामस्वरूप चालान में 13 गुना वृद्धि हुई है। हम चाहते हैं कि अपराध और उसके परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जाएं। पिछले साल, हम पहले तीन महीनों में सिर्फ 400 लोगों का ही चालान काट सके थे।”

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