पटना। बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिए भ्रामक वीडियो को प्रसारित करने के मामले में बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के चार बैंक अकाउंट में जमा 42 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। मनीष कश्यप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने तमिलनाडु में बिहारियों के प्रति उपद्रव से जुड़े फर्जी वीडियो बनाने और वायरल करने के दो मुख्य आरोपियों मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी और युवराज सिंह राजपूत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट ले लिया है। इसके अलावा मनीष कश्यप और उसके यूट्यूब चैनल सच तक से संबंधित चार बैंक खातों में जमा कुल 42 लाख 11 हजार से अधिक राशि को भी फ्रीज कर दिया गया है। वारंट जारी होने के बाद मनीष कश्यप और युवराज की गिरफ्तारी के लिए पटना से लेकर दिल्ली समेत अन्य शहरों में छापेमारी शुरू कर दी गई है। इन दोनों की तलाश में ईओयू की कई टीमें जुटी हुई हैं।
इसके अलावा इस पूरे मामले में ईओयू के थाने में दर्ज तीसरी एफआईआर में एक अप्राथमिकी अभियुक्त प्रशांत कुमार को शाम को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया। वह मूल रूप से बक्सर जिला के कृष्णाब्रम्हा थाना के बड़का ढकाइच गांव का रहने वाला है। पटना में वह शास्त्रीनगर थाना के शिवपुरी रोड नंबर-1 के पास गणेश पथ में रहता था। गिरफ्तार करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस मामले में अब तक दर्ज तीन एफआईआर में आठ नामजद समेत अन्य अज्ञात अभियुक्त बनाए गए हैं। इसमें अब तक यह चौथी गिरफ्तारी की गई है। बताया गया कि प्रशांत कुमार पर आरोप है कि एक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से संबंधित फर्जी पोस्ट वायरल करने में मुख्य भूमिका रही है।
क्या था पूरा मामला?
तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ था। इसी मामले में बिहार पुलिस ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज कराया है। केस दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारियों के खिलाफ हमले हो रहे हैं, जिसमें दो बिहारी मजदूरों की मौत भी हो गई।सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए, जिसके बाद तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के बीच दहशत का माहौल बन गया। मनीष कश्यप ने भी कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए और दावा किया कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ हमले हो रहे हैं।
इन वीडियो को सच मानकर बिहार के मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और मुख्य सचिव व डीजीपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु गई थी, जहां पर मामले की पड़ताल की गई। इसमें पता चला कि सोशल मीडिया पर जितने भी खबरें और वीडियो चल रहे हैं, वह सभी फर्जी हैं, तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है।
जांच में फर्जी निकला मामला तो दर्ज कराया केस
जब इस बात का खुलासा हुआ कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ, सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और खबरें डाली जा रही हैं तो इसको लेकर बिहार पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया, इसमें यूट्यूबर मनीष कश्यप भी शामिल है। तमिलनाडु से जुड़े फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के मामले में जब मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो वह भड़क गए।
एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी यादव पर निकाला गुस्सा
मनीष कश्यप ने अपना गुस्सा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के परिवार के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में सीबीआई छापेमारी से ध्यान भटकाने के लिए ही उन्होंने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मनीष कश्यप ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, वह डरने वाले नहीं हैं। वह बिहार में कहीं भी अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं।