कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी में इस्लाम न कबूलने पर एक महिला की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने कानूनी औपचारिकता पूरीकर 12 नामजद व 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
बलिया जिले के नगरा कोतवाली इलाके के चचया गांव की श्रीमती पत्नी राम सिंगार सिंह ने बताया कि उसकी बेटी चंदा सिंह (35) की शादी मऊ जिले के हलदलपुर कोतवाली इलाके के बिलौछा निवासी दुर्गेश सिंह के साथ हुई थी। दुर्गेश सिंह फौज में थे। करीब आठ साल पहले दुर्गेश की मौत हो गई। चंदा की दो बेटी सृष्टि सिंह और बरखा सिंह हैं। पति की मौत के बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए चंदा ने मऊ के भलईपुर में ब्यूटी पार्लर खोल लिया। इस बीच उनकी बेटी की मुलाकात महेवाघाट (कौशांबी) के मिरदहन का पूरा निवासी आरिफ से हुई। वह मऊ जनपद में 108 सेवा एंबुलेंस का चालक था। उसने अपना असली नाम छिपाकर चंदा को गुड्डू राजपूत बताया था। उसका महिला के घर आना-जाना शुरू हो गया।
चंदा को कौशाम्बी में जमीन खरीदने और व्यवसाय का लालच देकर अपने साथ ले आया। चंदा ने अपनी संपत्ति बेच दी और दो साल पहले दोनों बेटियों के साथ कौशांबी आ गई। पश्चिम शरीरा के अषाढ़ा में उसने जमीन खरीदकर भवन निर्माण शुरू करा दिया। इन दिनों वह अषाढ़ा में ही किराए का कमरा लेकर रहती थी।
श्रीमती ने बताया कि बेटी ने सप्ताह भर पहले फोन कर बताया कि गुड्डू राजपूत असल में आरिफ है। वह अपने गांव मिरदहन का पूरा ले गया, जहां मुस्लिम समुदाय के 100 लोगों ने मतांतरण के लिए दबाव बनाया। इन्कार करने पर उसकी पिटाई की। वहीं, बेटियों का कहना था कि 11 फरवरी को आरिफ ने उनकी मां से बातचीत कराई। इसके बाद कहा कि मां की तबियत खराब है। वह इलाज कराने ले जा रहा है। कुछ देर बाद मौत की जानकारी दी और मंगलवार की रात करीब आठ बजे लाश घर पर छोड़कर भाग निकला।
12 नामजद व 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR
श्रीवास्तव पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई है। प्रथम दृष्टया आरिफ दोषी है। मामले में मृतका की मां की तहरीर पर आरोपित एंबुलेंस चालक समेत 12 नामजद व 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/5 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की विवेचना के अलावा आरोपितों की तलाश की जा रही है।