बर्फबारी में ‘फरिश्ता’ बनकर पहुंची सेना, गर्भवती महिला की बचाई जान

श्रीनगर। भारतीय सेना ना सिर्फ दुश्मनों से सीमा पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं, बल्कि आए दिन कहीं ना कहीं ‘देवदूत’ बनकर लोगों की जान बचाने के लिए भी आगे आती है। अब ऐसे ही एक बार फिर भारतीय सेना ने ‘फरिश्ते’ की तरह बर्फबारी में फंसी गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया और उसकी जिंदगी बचाई।

17 जनवरी (मंगलवार) को जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में बर्फ से ढके कुपवाड़ा के डूडी गांव से एक गर्भवती महिला की जान भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से बचाई गई। अधिकारियों ने कहा कि कुपवाड़ा आर्मी हेलीपैड पर आर्मी इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस टीम ने उसकी कंडीशन को संभाला, उसके अंगों को स्थिर किया और बाद में महिला को आगे की चिकित्सा सहायता के लिए जिला अस्पताल कुपवाड़ा पहुंचाया।

सेना की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, स्थानीय सेना यूनिट को गांव के सरपंच का फोन आया कि मोहम्मद रफीक खान की पत्नी 35 वर्षीय जरीना बेगम की तबीयत बहुत खराब है। वह चार महीने की गर्भवती हैं और ब्लिडिंग की वजह से बहुत बीमार पड़ गई हैं। समस्या यह थी कि पिछले हफ्ते की बर्फ के बाद पूरा माछिल सेक्टर कट गया है। इसलिए जमीनी रास्ते से वहां पर मेडिकल एक्सपर्ट्स को भेजना संभव नहीं था। ऐसे में तुरंत मदद पहुंचाने के लिए IAF एयरक्राफ्ट को मौके पर भेजने का फैसला किया गया।

हवाई निकासी के लिए तुरंत दी मंजूरी
भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जिला प्रशासन द्वारा तत्काल संयुक्त योजना बनाई गई और भारतीय वायुसेना को डायवर्ट करके तेजी से हवाई मार्ग के जरिए लाने का निर्णय किया गया। जिला प्रशासन ने तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए शीघ्र मांग की, जिसे जम्मू-कश्मीर के एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी) ने हवाई निकासी के लिए तत्काल मौखिक मंजूरी दे दी।

आर्मी इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस टीम संभाला
इस दौरान बीमार गर्भवती महिला को उसके पति और दो महिला रिश्तेदारों की मदद से सेना के जवानों ने कुपवाड़ा में सेना के हेलीपैड पर पहुंचाया, जहां आर्मी इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस टीम ने उसकी स्थिति को संभाला। फिर वायु सेना के अधिकारियों ने तुरंत विंग कमांडर एन चौधरी और स्क्वाड्रन लीडर ए पांडे संचालित एमआई -17 हेलीकॉप्टर को साइट पर भेज दिया। जिसके बाद महिलाको जिला अस्पताल कुपवाड़ा पहुंचाया गया। बयान में कहा गया कि महिला की मदद के लिए भारतीय सेना, वायु सेना और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों को माछिल सेक्टर और कुपवाड़ा के स्थानीय लोगों ने जमकर सराहा।

रामबन में भी गर्भवती महिला को पहुंचाया था अस्पताल
इससे पहले 15 जनवरी को सेना के जवानों ने सड़क पर बिछी चार से छह फुट बर्फ पर करीब 14 किलोमीटर चल कर गांव से गर्भवती महिला अस्पताल में पहुंचाया था। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कुलसुम अख्तर (25) को खराब मौसम के बीच मंगत इलाके से निकाला गया। सेना की स्थानीय इकाई को खारी तहसील के हरगाम से सरपंच और अन्य ग्रामीणों से सूचना मिली की एक गर्भवती महिला को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यता है। सैनिक चार से छह फुट बर्फ पर खुद रास्ता बनाते हुए पहुंचे और उन्होंने स्ट्रेचर से गर्भवती महिला को 14 किलोमीटर दूर अगनारी गांव पहुंचाया, वहां सेना की एक एंबुलेंस थी।

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