दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए तिहाड़ जेल से सात दिन के लिए रिहा कर दिया गया है। जेल अधिकारियों के मुताबिक आज सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल से उमर खालिद को रिहा कर दिया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए रिहाई देते हुए कई शर्तें लगाई हैं। कोर्ट ने आदेश में कहा कि रिहा होने पर उमर खालिद किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगा और ना ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को दें ताकि उनसे संपर्क में रहा जा सके। कोर्ट ने और भी कई शर्त लगाई है जिसमें कहा गया है कि उमर खालिद का मोबाइल अंतरिम जमानत की अवधि तक ऑन रहना चाहिए।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि उमर खालिद को अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान प्रतिदिन जांच अधिकारी को वीडियो कॉल करना होगा। उमर खालिद इस दौरान सोशल मीडिया उपयोग नहीं कर सकते। अदालत ने यह सारी शर्तें पुलिस के उस खदशे को ध्यान में रखते हुए रखी हैं जिसमें पुलिस ने अंतरिम जमानत अवधि के दौरान सोशल मीडिया के इस्तेमाल से गलत सूचना फैलाने की आशंका जाहिर की थी।
UAPA जैसी संगीन धाराओं के तहत जेल में बंद है उमर खालिद
उमर खालिद पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप लगे हैं।
इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।