वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के भाषणों को हिंदी और दूसरी एशियाई भाषाओं में ट्रांसलेट करने की मांग की जा रही है। प्रेजिडेंशियल कमिशन ने राष्ट्रपति कार्यालय के सामने अपने विचार रखे हैं। जिनमें कहा है कि अमेरिका की राजनीति में लगातार एशियाई मूल के लोगों की भूमिका बढ़ रही है।
अमेरिका की घरेलू राजनीति में एशियाई-अमेरिकियों की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका को देखते हुए राष्ट्रपति द्वारा गठित एक आयोग ने व्हाइट हाउस से आग्रह किया है कि बाइडन के सभी भाषणों का हिंदी और क्षेत्र की कई अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जाए जो अधिक से अधिक अमेरिकियों द्वारा बोली जाती हैं। ऐसे में राष्ट्रपति के भाषण उनकी भाषाओं में मौजूद होने चाहिए। फिलहाल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के भाषण केवल अंग्रेजी में होते हैं। जिसके चलते उनके संदेश 2 करोड़ से ज्यादा लोगों तक उनकी मूल भाषा में नहीं पहुंच पाता है।
राष्ट्रपति के एडवाइजरी कमिशन के सामने यह प्रस्ताव अमेरिकी- भारतीय कम्युनिटी के नेता अजय जैन भुटोरिया ने रखा था। जिसे कमिशन ने स्वीकार कर लिया। बैठक के दौरान, आयोग ने सिफारिश की कि इस प्रस्ताव के तीन महीने के भीतर, अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के प्रमुख महत्वपूर्ण भाषणों का अनुवाद कई एशियाई अमेरिकी और एनएचपीआई भाषाओं में किया जाना चाहिए और व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर जल्द से जल्द उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। आयोग द्वारा अनुशंसित भाषाएं हिंदी, चीनी, कोरियाई, वियतनामी, तगालोग और मंदारिन हैं।