नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त रूप से मॉरीशस में सेंट जेम्स जेट्टी का उद्घाटन किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ’विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं डिंडौरी सड़क हादसे पर अपना दुःख व्यक्त करता हूं। इस हादसे में जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं जो लोग घायल हैं। उनके उपचार की व्यवस्था सरकार कर रही है। दुःख की इस घड़ी में मैं मध्य प्रदेश के लोगों के साथ हूं। उन्होंने कहा कि कल से मध्य प्रदेश में 9 दिन का विक्रमोत्सव शुरू होने वाला है। यह हमारी गौरवशाली विरासत और वर्तमान का उत्सव है। हमारी सरकार विरासत और विकास को कैसे एक साथ लेकर चलती है इसका प्रमाण उज्जैन में लगी वैदिक घड़ी भी है। ये भारत को विकसित बनाएगा। कहा कि मध्यप्रदेश की सभी लोकसभा सीटों को एक साथ लगभग 17 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं मिली हैं। ये परियोजनाएं मध्यप्रदेश के लोगों का जीवन आसान बनाएंगी, यहां निवेश और नौकरियों के नए अवसर बनाएंगी। इन परियोजनाओं के लिए सभी को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने कहा कि आज चारों तरफ एक ही बात सुनाई देती है- अबकी बार 400 पार! पहली बार ऐसा हुआ है। जब जनता ने खुद अपनी प्रिय सरकार की वापसी के लिए ऐसा नारा बुलंद कर दिया है। ये नारा भाजपा ने नहीं, बल्कि देश की जनता-जनार्दन का दिया हुआ है। मोदी की गारंटी पर देश का इतना विश्वास भाव-विभोर करने वाला है। हम तीसरी बार में देश को तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए चुनाव में उतर रहे हैं।
मॉरीशस ’पड़ोसी प्रथम’ नीति का भागीदार
मॉरीशस में सेंट जेम्स जेट्टी के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6 महीनों में प्रधानमंत्री जुगनाथ और मेरी यह पांचवीं मुलाकात है। यह भारत और मॉरीशस के बीच वाइब्रेंट, मजबूत और अनोखी साझेदारी का प्रमाण है। मॉरीशस हमारी ’पड़ोसी प्रथम’ नीति का अहम भागीदार है। ग्लोबल साउथ का सदस्य होने के नाते हमारी समान प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि विकास साझेदारी हमारे संबंधों का अहम स्तंभ रहा है। कोविड महामारी हो या तेल रिसाव, भारत हमेशा अपने मित्र मॉरीशस के लिए पहला प्रतिसादकर्ता (रिस्पॉन्डर) रहा है। पिछले 10 वर्षों में लगभग 1 हजार मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन और 400 मिलियन डॉलर की सहायता मॉरीशस के लोगों के लिए उपलब्ध कराई गई है।