लखीमपुर। लखीमपुर के तिकुनियां में बीते वर्ष हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और आशीष मिश्रा उर्फ मोनू सहित 14 आरोपितों के खिलाफ एडीजे कोर्ट ने आरोप तय किए है। अब इनके खिलाफ गवाहों की पेशी होगी और मामले में आगे सुनवाई चलेगी।
जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि जिन अभियुक्तों पर आरोप तय हुए उनमें आशीष मिश्रा के साथ-साथ अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा, वीरेंद्र शुक्ला और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र शुक्ला पर भारतीय दंड विधान की धारा 201 के तहत आरोप तय किया गया है। बाकी अभियुक्तों पर भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 427 और 120 (ख) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए।
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़क पर उतर आए थे। आरोप है कि केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद हिंसा हुई थी। इस हिंसा में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी।
यूपी चुनाव के बाद मिल गई थी जमानत
हालांकि, यूपी चुनाव के बाद आशीष मिश्रा जमानत पर जेल से बाहर आ गया था। जमानत पर आशीष मिश्रा की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत रद्द करते हुए ये केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए सिरे से विचार के लिए भेज दिया था। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी। जमानत याचिका खारिज होने के बाद आशीष मिश्रा मोनू ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।