लॉ कॉलेज में नफरत का पाठ, किताब में हिंदुओं और हिंदू संगठनों को बताया गया आतंकवादी

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में में लॉ कॉलेज में एक नहीं, बल्कि 6 प्रोफेसर धार्मिक उन्माद और लव जिहाद के संगीन आरोपों में घिर गए हैं। शिक्षकों पर धार्मिक कट्टरता, लव जिहाद को बढ़ावा देने, मुस्लिम शासकों का गुणगान और सेना का अपमान करने का आरोप है। इस सनसनीखेज खुलासे से कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा है।

शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के प्रोफसरों पर हिंदू विरोधी गतिविधियां कराए जाने का आरोप है। इसे लेकर अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद कालेज प्रबंधन ने छह प्रोफेसर को पांच दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया था। इनके नाम प्रो. अमीक खोखर, डॉ. मिर्जा मोजिज बेग, डॉ. फिरोज अहमद मीर, प्रो. सुहैल अहमद वाणी, प्रो. मिलिंद कुमार गौतम और डॉ. पूर्णिमा बीसे हैं।

परिषद के छात्र नेताओं का आरोप है कि महाविद्यालय के प्रोफेसर कालेज में कश्मीर से 370 धारा हटाए जाने का विरोध करते थे, वहीं राष्ट्र और भारतीय सेना के विरोध की बातें भी करते थे। हंगामा करने वालों का दावा है कि इस कॉलेज के टीचर पाठ्यक्रम से इतर इस्लाम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं। छात्रों का टीचरों पर आरोप है कि वे महान पुरुषों की बात करते हैं तो हमारे भारत के इतिहास में चंगेज खान को क्यों महान बता रहे हो, हिंदू राजाओं की बुराई करते हैं और भारतीय महापुरुषों के बारे में नकारात्मक छवि स्थापित करते हैं तथा मुगलों का गुणगान करते हैं।

लेखिका डा. फरहत खान द्वारा लिखी पुस्तक (सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति) में हिंदुओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ आपत्तिजनक अंश लिखे गए हैं। कुछ ऐसी पंक्तियां हैं, जिसमें हिंदुओं व हिंदूवाद से जुड़ी संस्थाओं को धर्म के आधार पर भड़काने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस मामले में अब शासन ने हस्तक्षेप किया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच सौंपी है। पुस्तक की लेखिका ने सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति नाम की पुस्तक में कई विवादित अंश लिखे हैं। इन्हें लेकर बवाल मचा हुआ है। पुस्तक में लिखा गया है…

– हिंदू संप्रदाय विध्वंसकारी विचारधारा के रूप में उभर रहा है। विश्व हिंदू परिषद जैसा संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहता है। वह किसी भी बर्बरता के साथ हिंदू राज्य की स्थापना को उचित ठहराता है।

– हिंदुओं ने हर संप्रदाय से लड़ाई का मोर्चा खोल रखा है। पंजाब में सिखों के खिलाफ शिव सेना जैसे त्रिशूलधारी नए संगठन ने मोर्चा बना लिया है। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आतंकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है। कमाल यह है कि पहले मुसलमान चिल्लाया करते थे कि अल्पसंख्यक इस्लाम खतरे में है, पर आज हिंदू चिल्ला रहा है बहुसंख्यक हिंदू खतरे में हैं।

– आज हिंदू बहुसंख्यक, हिंदू अल्पसंख्यक मुसलमान पर अपनी इच्छा थोपने का काम कर रहा है। आज यही सांप्रदायिक संघर्ष का कारण बन रहा है। जब कांग्रेस सत्ता में आ गई और भाजपा मुख्य विरोधी दल बन गया तो राष्ट्रीय स्वयं संघ ने भाजपा को आदेश दिया कि दोनों ब्राह्मणवादी दल हैं और दोनों में ब्राह्मणों का प्रभुत्व है। भाजपा और कांग्रेस में सिद्धांतत: कोई अंतर नहीं है।

– जब धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति कायम रखी जाएगी तो अयोध्या का मंदिर इस कानून की सीमा से क्यों बाहर किया गया। आरएसएस ने भाजपा को कांग्रेस का विरोध करने से रोका तो कांग्रेस को भी आदेश दिया कि अयोध्या का विवाद कानून से बाहर रखे ताकि भाजपा अपनी सांप्रदायिक राजनीति करती रहे।

– हिंदुओं के जितने भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिंक संगठन बने हैं, उनका एक मात्र उद्देश्य मुसलमानों का विनाश करना है और शूद्रों को दास बनाना है। हिंदू राजतंत्र का शासन वापस लाकर ब्राह्मणों को पृथ्वी का देवता बनाकर पूज्य बनाना है।

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