नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से देश में कई प्रकार की दवाओं की की बिक्री और खपत काफी बढ़ गई हैं लेकिन इनमें कई सारी मेडिसिन ऐसी भी हैं, जो लोग बिना डॉक्टरों की सलाह से ले रहे हैं और ये दवाएं कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी कर सकती है। केंद्र सरकार ने ऐसी 26 दवाओं को ‘आवश्यक’ सूची से हटा दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को आवश्यक दवाओं की एक संशोधित राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) जारी की। इस सूची में 27 श्रेणियों की 384 दवाएं शामिल हैं। लिस्ट में जो दवाएं शामिल नहीं हैं उनमें रैनिटिडीन का नाम भी है। रैनिटिडीन अक्सर एसिडिटी और पेट से संबंधित अन्य बीमारियों के लिए ली जाती है। इसी दवा को Rantac, Zinetac और Aciloc जैसे ब्रांड नामों के तहत बेची जाती है। रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित सूची से हटा दिया गया है।
मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘‘आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची 2022 जारी की। इसमें 27 श्रेणियों में 384 दवाएं शामिल हैं। कई एंटीबायोटिक्स, टीके, कैंसर रोधी दवाएं तथा कई अन्य महत्वपूर्ण दवाएं और सस्ती हो जाएंगी एवं मरीजों का खर्च घटेगा।’’
अंतस्रावी दवाएं और गर्भनिरोधक फ्लूड्रोकोर्टिसोन, ओरमेलोक्सिफेन, इंसुलिन ग्लरगाइन और टेनेनिग्लिटीन को सूची में जोड़ा गया है। श्वसन तंत्र की दवा मॉन्टेलुकास्ट, और नेत्र रोग संबंधी दवा लैटानोप्रोस्ट का नाम सूची में है। हृदय और रक्त नलिकाओं की देखभाल में उपयोग की जाने वाली दवा डाबीगट्रान और टेनेक्टेप्लेस के अलावा अन्य दवाओं ने भी सूची में जगह बनाई है।