मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामलों की जांच के लिए यूपी सरकार ने किया एसआईटी का गठन

लखनऊ। ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और कथित फैक्‍ट चेकर मोहम्‍मद जुबैर के केसों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। मोहम्मद जुबैर द्वारा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं भड़काने और देवी देवताओं के अपमान व भड़काऊ पोस्ट डालने को लेकर सीतापुर, हाथरस, लखीमपुरखीरी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में मुकदमे दर्ज हैं।

मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

उत्तर प्रदेश में मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हाथरस तथा मुजफफरनगर में केस दर्ज हैं। अब मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। गृह विभाग ने आईजी प्रीतिंदर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है। इनमें डीआईजी अमित कुमार वर्मा भी जांच टीम में शामिल किया गया है।

दिल्ली मे मोहम्मद जुबैर की गिरफतारी के करीब एक सप्ताह बाद चार जुलाई को सीतापुर में एक मामला दर्ज किया गया। इसके बाद लखीमपुर खीरी तथा हाथरस और मुजफ्फरनगर में केस दर्ज किया गया। लखीमपुर कोर्ट ने मोहम्‍मद जुबैर को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेजने का फैसला दिया है। जुबैर को 25 जुलाई तक न्‍यायिक हिरासत में रहना होगा। कोर्ट ने उनकी कस्‍टडी पुलिस को देने से इनकार कर दिया।

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