गुवाहाटी। मणिपुर की चर्चित आईपीएस अफसर रहीं बृंदा थौनाओजम पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद अब चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगी। जनता दल (यूनाइटेड) ने बृंदा थौनाओजम को इम्फाल घाटी की यास्कुल विधानसभा सीट से टिकट दिया है।
एएसपी थौनाओजम उस समय सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने कुछ महीने पहले चंदेल जिले के स्वायत्त जिला परिषद के अध्यक्ष लौखोशी ज़ू को उनके इम्फाल स्थित आवास से भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। ड्रग्स के खिलाफ जंग की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री एन. बीरेन ने उन्हें गिरफ्तारी के लिए प्रशस्ति पत्र दिया था। हालांकि बाद में ज़ू को जमानत पर रिहा कर दिया गया। जब यह साबित हो गया कि जब्त की गई दवाएं उसके युवा ड्राइवर सहित दो युवाओं की थीं। थौनाओजम प्रशस्ति पत्र लौटाने मुख्यमंत्री के पास गईं। उसने कथित तौर पर बीरेन को बताया कि चूंकि ज़ू ने कहा कि वह निर्दोष है, इसलिए वह प्रमाणपत्र के लायक नहीं थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस विभाग की नौकरी राजनीति में आने का फैसला लिया था।
द हिंदू की एक खबर के अनुसार मीडिया से बातचीत में एएसपी बृंदा थौनाओजम ने कहा कि ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ के कारण वे अपने कर्तव्य का ठीक से निर्वहन नहीं कर सकी थीं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मेहौबम लम्पक में पत्रकारों और अपने कुछ समर्थकों से मिलने की योजना बनाई थी। लेकिन सरकार ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
बृंदा ने जदयू में जाने और चुनाव लड़ने पर कहा, मैंने स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है। मैं कांग्रेस से चुनाव लड़ सकती थीं, लेकिन राज्य का पार्टी में कोई भविष्य नहीं थी। उन्होंने अपनी सीट यास्कुल को लेकर कहा कि यहां भाजपा के वर्तमान विधायक थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कुछ खास नहीं किया है। मुझे लगता है कि मेरा मुकाबला भाजपा के बजाय राष्ट्रवादी पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार से होगा।
मणिपुर में दो चरण में होना है विधानसभा चुनाव
मणिपुर में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में दो फेज में- 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग होगी। 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी और नतीजों का ऐलान किया जाएगा। मणिपुर में बीजेपी इस समय सत्ता में हैं। वहीं कांग्रेस मुख्य विपक्षी है। इन दोनों दलों में ही इस चुनाव में मुख्य टक्कर मानी जा रही है। मणिपुर में बीते विधानसभा चुनाव यानी 2017 के चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला हुआ था।