गाजियाबाद: चोरी के ट्रक पर ढोते थे सामान, 10 करोड़ कीमत के 32 ट्रक बरामद

गाजियाबाद। गाजियाबाद में पुलिस को रविवार बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। क्राइम ब्रांच व एंटी आटो थेफ्ट सेल ने एक ट्रक चोर गिरोह के तीन आरोपियों को पकड़ा है। पुलिस ने इनके पास से 10 करोड़ कीमत के 32 ट्रक बरामद किए हैं। ये लोग चोरी के ट्रकों पर दुर्घटनाग्रस्त और पुराने ट्रकों का नंबर चढ़ाकर सरकारी माल की ढुलाई में इस्तेमाल करते थे।

पुलिस लाइन में रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम डा. दीक्षा शर्मा व एएसपी एवं सीओ सदर आकाश पटेल ने बताया कि आरोपित देश भर में घुमकर ऐसे ट्रकों को तलाशते हैं जो दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं और अब चलने की स्थिति में नहीं हैं। इन ट्रकों को कम दाम में खरीदकर गिरोह के बदमाश इसी माडल के ट्रक चोरी करते हैं या लूटते हैं। चोरी के ट्रकों के चेसिस नंबर, इंजन नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर चोरी व लूट के ट्रकों पर अंकित कर यह आरटीओ कार्यालय में सांठगांठ कर फिटनेस रिपोर्ट हासिल कर लेते हैं।

पुलिस ने बताया कि ये लोग ट्रकों को रेलवे, सीमेंट लादने समेत अन्य सरकारी माल ढुलाई में इस्तेमाल करते थे। क्योंकि सरकारी माल की ढुलाई करने से पुलिस ज्यादा चेकिंग नहीं करती और न ही अन्य जांच के दायरे में आना पड़ता। मुख्य अभियुक्त अमित नामदेव मेरठ में ट्रांसपोर्टर है। उसने रेलवे डिविजन मुरादाबाद में नामदेव इंटरप्राइजेज नाम से दो करोड़ रुपए का परिवहन ठेका ले रखा है। फरार आरोपी तरनजीत निवासी लुधियाना (पंजाब) जिन ट्रकों का समय पूरा हो चुका है, उनकी नागालैंड और हिमाचल प्रदेश से फर्जी एनओसी तैयार कराता है। इसके बाद इन ट्रकों को पटियाला, लुधियाना, संगरूर, शामली, बिजनौर, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के आरटीओ कार्यालयों में साठगांठ करके नए मॉडल के रूप में रजिस्टर्ड कराया जाता है। इस गिरोह के कई ट्रक मेरठ में मोहिद्दीनपुर की रेलवे यार्ड से सीमेंट कंपनियों तक भी चलते हैं।

एसपी क्राइम ने बताया कि वर्तमान में पंजाब के पटियाला, लुधियाना, संगरूर, उत्तर प्रदेश के शामली, बिजनौर, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड व हरियाणा आरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध दिखाई दी है। इसके चलते सभी जिलों के आरटीओ को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

पकड़े गए आरोपित मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी परवेंद्र तोमर, मेरठ जानी निवासी लीलू उर्फ आदेश शर्मा व मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी अमित नामदेव हैं। जबकि इस गिरोह के इस्लाम नगर साहिबाबाद निवासी हिमायत अली, जानी मेरठ निवासी सर्वेश कुमार, मेरठ निवासी आबिद अली, विनेश, तसब्बर शिब्बनपुरा गाजियाबाद निवासी पवन शर्मा, पटियाला पंजाब निवासी उमेश कुमार, लुधियाना पंजाब निवासी तरनजीत, भटिडा पंजाब निवासी भोला दलाल अभी फरार हैं।

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