गाजियाबाद। ठेकेदार की हत्या के लिए अपहरण करके रंगदारी मांगने के मामले में बरी हुए नौतनवा के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनी पत्नी सारा की हत्या के आरोपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ सास सीमा ने मुकदमा दर्ज कराया है। कोर्ट में पेशी के बाद सास ने बाइक सवार बदमाशों द्वारा धमकी दिलाने का आरोप लगाया है। कविनगर थाने में केस दर्ज किया गया है।
सीमा सिंह ने बताया कि सारा सिंह हत्याकांड का मामला सीबीआइ कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में उनकी बेटी नीति सिंह की गवाही चल रही है। 23 सितंबर को वह बेटी के साथ गवाही के लिए कोर्ट में आई थीं। इस दौरान वह सीबीआइ कोर्ट के गेट के बाहर पहुंची और बेटी कोर्ट में थी। तभी बाइक सवार दो बदमाश आए और उन्हें धक्का दे दिया। आरोप है कि बदमाशों ने उनसे कहा कि उन्हें अमरमणि ने भेजा है। मामले की पैरवी करने पर उन्हें व पूरे परिवार को जान से मार दिया जाएगा। इस दौरान सीमा सिंह घबरा गईं और बेटी को लेकर सीधे पुलिस कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने एसएसपी पवन कुमार से मामले की शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर कविनगर पुलिस ने अमनमणि त्रिपाठी व उसके पिता अमरमणि त्रिपाठी और अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
2015 में पत्नी की हुई थी मौत
जुलाई 2015 में अमनमणि त्रिपाठी व पत्नी सारा सिंह स्विफ्ट डिजायर कार से दिल्ली आ रहे थे। फिरोजाबाद में कथित तौर पर कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। संदिग्ध हालात में सारा सिंह की मौके पर मौत हो गई थी जबकि अमनमणि को खरोंच भी नहीं आई थी। सारा सिंह के स्वजन ने अमनमणि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
वहीं राजधानी के पॉश इलाके से ठेकेदार की हत्या के लिए अपहरण कर रंगदारी मांगने के आरोप में अमनमणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला को गुरुवार को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन राय ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मनीष त्रिपाठी का तर्क था कि यह अस्वाभाविक है कि कोई फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ी से आकर एक लाख रुपये की रंगदारी मांगेगा। बहस के दौरान यह भी कहा गया कि किसी प्रकार की रंगदारी दिए जाने या दिए जाने का प्रयास करने के संदर्भ में पत्रावली पर कोई सबूत पेश नहीं किया गया है।
क्या था मामला
गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि पांडेय ने 6 अगस्त 2014 को गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अमनमणि त्रिपाठी ने संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ल के साथ मिलकर हत्या के लिए अपहरण किया और रंगदारी मांगते हुए जानमाल की धमकी दी थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना की और अमनमणि, संदीप और रवि शुक्ल के खिलाफ गालीगलौज, जानमाल की धमकी, फिरौती के लिए अपहरण और मृत्य का भय दिखाकर वसूली के आरोपों में आरोप पत्र दाखिल किया था।
इसके बाद कोर्ट ने 28 जुलाई 2017 को सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए थे। अदालत ने आरोपियों को पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को कमजोर श्रेणी का पाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
नौतनवां के विधायक अमन मणि त्रिपाठी के पिता अमर मणि त्रिपाठी भी लक्ष्मीपुर विधानसभा से विधायक रहें है। अमर मणि त्रिपाठी पर लखनऊ की कवियत्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 में हुई हत्या का आरोप है। इस हत्याकांड में अमर मणि के साथ उनकी पत्नी मधु मणि भी जेल में बंद है। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी, मधु मणि त्रिपाठी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जिसके बाद से दोनों जेल में हैं।
24 सितंबर को अमर मणि त्रिपाठी के सगे साले अश्वनी उपाध्याय को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। उन पर को-ऑपरेटिव कंपनी टपरी सहारनपुर व स्टैलर कंपनी प्राइवेट लि. में लाइजनिंग अधिकारी रहते हुए करोड़ो रुपये की एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप है। पुलिस ने उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
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