यूपीएससी परीक्षा में शुभम कुमार ने मारी बाजी

नई दिल्ली। यूपीएससी ने सीएसई मेन 2020 फाइनल परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है। बिहार के कटिहार के रहने वाले शुभम कुमार ने संघ लोक सेवा आोयग (यूपीएससी) की सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में टॉप रैंक हासिल किया है। भोपाल की जागृति अवस्थी दूसरे नंबर पर हैं। आगरा की अंकिता जैन ने तीसरा स्थान हासिल किया है। आईएएस टीना डाबी की बहन रिया डाबी को 15वां स्थान मिला है।

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा 2021 (सीएसई) में शुभम कुमार ने पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक (सिविल इंजीनियरिंग) की पढ़ाई की है। वहीं, सेकेंड रैंक हासिल करने वाली जागृति अवस्थी भोपाल के भेल में नौकरी करती थी लेकिन UPSC की तैयारी करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और एग्जाम की तैयारी में जुट गई। उन्होंने एमएनआईटी, भोपाल से बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) में पढ़ाई की है। आगरा की अंकिता जैन तीसरे स्थान पर रहीं।

यूपीएससी टॉपर शुभम कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव के रहने वाले हैं। कदवा से पूर्णिया के विद्या विहार स्कूल और बाद में आईआईटी कंपीट कर पुणे में आईएएस की तैयारी की। उनके पिता देवानंद सिंह पूर्णिया में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक हैं। पिछले वर्ष भी शुभम ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और उन्हें 290 रैंक मिला था। इससे वह संतुष्ट नहीं हुए और दोबारा परीक्षा में शामिल होकर सर्वोच्च स्थान हासिल कर बिहार का नाम देश भर में रोशन किया।

उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के रीजनल मैनेजर रामनाथ मिश्रा बताते हैं कि शुभम आईआईटी उत्तीर्ण होने के बाद आईएएस की तैयारी शुरू की थी। देवानंद सिंह ने कहा कि शुभम की कड़ी मेहनत ने उसे सफल बनाया है। उन्होंने कहा कि टॉपर बनना निश्चित रूप से गौरव की बात है। शुभम की मां पूनम देवी गृहिणी हैं। रिजल्ट आने के बाद से उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। शुभम ने कहा, ‘मैं 2018 से तैयारी कर रहा हूं और रिजल्ट देखने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा और आगे जहां भी मैं काम करूंगा, वहां अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करूंगा।’

इस बार बिहार के काफी छात्रों ने टॉप रैंक में अपनी जगह बनाई है। जमुई जिले के प्रवीण कुमार को 7 वां, किशनगंज जिले के अनिल बसाक को 45 वां, पूर्णियां के आशीष मिश्रा को 52 वां रैंक मिला है। खास बात है कि तीनों आईआईटियन हैं।

इससे पहले वर्ष 2001 में आलोक रंजन झा टॉपर बने थे, जबकि 1997 में गया के सुनील कुमार बरनवाल ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। 1987 में आमिर सुबहानी ने टॉप किया था, जो अभी बिहार के विकास आयुक्त हैं। अभी तक बिहार के चार मेधावियों ने यूपीएससी में शीर्ष स्थान हासिल किया है।

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