गाजियाबाद: माफिया लक्ष्य तंवर के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज

गाजियाबाद। बैंक अधिकारियों से साठगांठ कर करीब 100 करोड़ का लोन घोटाला करने वाले माफिया लक्ष्य तंवर के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। लक्ष्य के अलावा पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व में लक्ष्य तंवर समेत अन्य साथियों को नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह अभी जेल में बंद है।

कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर ने एक प्रॉपर्टी अपने चाचा सुनील व चचेरे भाई शिवम के नाम कराई। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक की चंद्रनगर शाखा के तत्कालीन मैनेजर उत्कर्ष कुमार व डिप्टी मैनेजर प्रियदर्शनी से साठगांठ कर संपत्ति पर चार करोड़ का लोन करा दिया। लोन ली गई रकम का तीनों ने आपस में बंदरबांट कर लिया।

जब बैंक ने नोटिस भेजे तो सुनील व उसके बेटे शिवम ने लक्ष्य तंवर के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। शिवम ने अक्तूबर 2020 में कोर्ट के आदेश पर लक्ष्य तंवर, उसकी पत्नी प्रियंका, बैंक मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत अन्य के खिलाफ नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था। जांच में शिवम और उसके पिता की साजिश बेनकाब हो गई। इस मामले में वादी और आरोपी दोनों गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस संबंधित बैंक कर्मियों के खिलाफ भी सबूत जुटाकर उनकी गिरफ्तारी जल्द कर सकती है।

लक्ष्य के खिलाफ 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक दूसरे मामले में राजनगर एक्सटेंशन की क्वांटम रेजिडेंसी निवासी वैभव गोयल का कहना है कि उनकी चौपला मंदिर पर आरसी डायमंड ज्वेलर्स नाम से कारोबार है। कुछ साल पहले कविनगर निवासी लक्ष्य तंवर व नंदग्राम निवासी वरुण त्यागी ने चंद्रनगर की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से उनकी 1.20 करोड़ रुपये की ओडी लिमिट बनवाने का झांसा दिया था। इस एवज में लक्ष्य ने 20 लाख रुपये कमीशन मांगा। आरोप है कि लक्ष्य उन्हें बैंक ले गया और उनकी दोनों दुकानों की रजिस्ट्री बंधक रखवाकर ओडी लिमिट 1.20 करोड़ रुपये करा दी। इसके कुछ दिन बाद लक्ष्य ने गलती से ओडी लिमिट बढ़ने की बात कहते हुए इसे बंद कराने के लिए कहा।

आरोप है कि उन्होंने लिमिट बंद कराने में असमर्थता जताई तो लक्ष्य ने मार्च 2017 से अप्रैल 2017 के बीच विभिन्न फर्मो के माध्यम से उनकी फर्म के खाते में 1.12 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराकर लिमिट बंद करा दी। इसके बाद उसने एक अन्य संपत्ति के दस्तावेज रखकर डेढ़ करोड़ की लिमिट कराने को कहा। लक्ष्य ने धोखाधड़ी करते हुए बैंक अधिकारियों से मिलकर लिमिट 3.95 करोड़ करा दी और चेकबुक भी जारी करा दी। चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न फर्मों व लोगों के नाम पर रकम निकाल ली। इससे उन्हें चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

लक्ष्य के खिलाफ सिहानी गेट में भी एक केस दर्ज है। उसने मृतक को जिंदा दिखाकर मकान की रजिस्ट्री कराई और फिर उस पर डेढ़ करोड़ का लोन निकाल लिया। लक्ष्य ने जिस मृतक को जिंदा दिखाया, उसी के बेटे को रजिस्ट्री के दौरान गवाह भी बनाया। सिहानी गेट पुलिस ने हाल ही में मृतक के गवाह बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

आरोपी लक्ष्य खुद का रसूख दिखाने के लिए लुंगी पहनता है। साउथ की एक बड़ी फिल्म के विलेन से प्रेरित होकर वह खुद को उसी का लुक देने की कोशिश करता था।यही नहीं पता यह चला है कि लोगों को महंगे गिफ्ट देकर उन्हें इंप्रेस करने के लिए भी आरोपी हमेशा अपनी गाड़ी में महंगे गिफ्ट रखता था। महंगे मोबाइल फोन से लेकर एयर कंडीशनर और वाशिंग मशीन तक गिफ्ट किये जाते थे। जिससे बाद में उस व्यक्ति से अपना काम निकाला जा सके।

लक्ष्य तंवर पूर्व में कपड़ों पर प्रेस करने का काम करता था। लेकिन धीरे-धीरे उसकी साठगांठ बैंक अधिकारियों से हो गई और वह बैंकों से लोन दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने लगा। लाखों रुपये की प्रॉपर्टी पर भी वह चंद घंटों में करोड़ों का लोन दिलाने का दावा करता था। इसके अलावा लक्ष्य पर एक ही प्रॉपर्टी को कई बार बेचने व उस पर कई बार लोन निकलवाने का भी आरोप है। कुछ ही वर्षों में वह करोड़पति बन गया।

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