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साहिबाबाद। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने जल प्रदूषण फैला रही गाजियाबाद की 17 फैक्ट्रियों को बंद करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में 12 फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन काटने के लिए विद्युत निगम को पत्र लिखा गया है। इन फैक्ट्रियों में लगे अपशिष्ट उपचार संयंत्र (ईटीपी) की यूपीपीसीबी की ओर से जांच की गई थी। जांच के दौरान फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी ईटीपी से शोधित नहीं हो रहा था। इसके बाद इन 17 फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।
फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी बिना शोधित हुए नदी और नहर के पानी को दूषित कर रहा है। वहीं, सर्दियों में वायु प्रदूषण से जिला गैस का चैंबर बन जाता है। आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसे में यूपीपीसीबी की ओर से जल व वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बीते माह यूपीपीसीबी की ओर से लोनी, साहिबाबाद, मेरठ रोड और बुलंदशहर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र की 87 फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी का सैंपल लिया गया था। पानी में केमिकल आक्सीजन डिमांड, बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल सस्पेंडेड सालिड की जांच की गई। इस दौरान 17 फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी मानक के अनुरूप नहीं मिला। इससे पता चला कि फैक्ट्री में लगा ईटीपी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। वसुंधरा स्थित यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय से उपरोक्त 17 फैक्ट्रियों की रिपोर्ट बनाकर लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजी गई थी। मुख्यालय से 12 फैक्ट्रियों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश आया है। अन्य पांच फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है।
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बयान :
12 फैक्ट्रियों के संचालन पर रोक लगाने के लिए मुख्यालय के आदेश के बाद विद्युत निगम को पत्र लिखकर बिजली कनेक्शन काटने को कहा गया है। यदि इसके बाद भी कोई फैक्ट्री चलती है तो उसे सील किया जाएगा। प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। – उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
साभार-दैनिक जागरण।
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