प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर खर्च: जानिए पूरी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के दौरान वैश्विक कूटनीति को मजबूत करने के लिए समय-समय पर विभिन्न देशों की यात्राएं करते रहते हैं। हाल ही में उनकी मॉरीशस और अमेरिका यात्रा चर्चा का विषय बनी, जिसे लेकर संसद में खर्च से जुड़ी जानकारी मांगी गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में सवाल किया था कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर पिछले तीन वर्षों में कितना खर्च हुआ है। इस पर विदेश राज्य मंत्री पवित्रा मार्गेरिटा ने संसद में विस्तृत जानकारी दी।
2022 से 2024 तक पीएम मोदी की विदेश यात्राएं और खर्च
मई 2022 से दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 38 विदेश यात्राएं की हैं, जिन पर सरकार द्वारा ₹258 करोड़ का खर्च किया गया। इन यात्राओं में होटल, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य आवश्यक खर्च शामिल हैं।
विशेष यात्राओं पर खर्च
अमेरिका यात्रा (जून 2023): इस दौरे पर ₹22.89 करोड़ खर्च किए गए।
अमेरिका यात्रा (सितंबर 2024): इस दौरान ₹15.33 करोड़ खर्च हुए।
जापान यात्रा (मई 2023): इस यात्रा पर ₹17.19 करोड़ खर्च किए गए।
नेपाल यात्रा (मई 2022): इस दौरे का खर्च ₹80 लाख रहा।
पोलैंड यात्रा (2024): इस यात्रा पर ₹10.10 करोड़ खर्च हुए।
यूक्रेन यात्रा (2024): यहाँ ₹2.52 करोड़ का खर्च आया।
रूस यात्रा (2024): इस यात्रा पर ₹5.34 करोड़ खर्च किए गए।
इटली यात्रा (2024): इस दौरे का कुल खर्च ₹14.36 करोड़ रहा।
ब्राज़ील यात्रा (2024): इस यात्रा पर ₹5.51 करोड़ खर्च हुए।
गुयाना यात्रा (2024): इस यात्रा में ₹5.45 करोड़ का खर्च आया।
2022, 2023 और 2024 की प्रमुख विदेश यात्राएं
प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस, यूएई, उज्बेकिस्तान और इंडोनेशिया का दौरा किया। 2023 में वे ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस गए, जबकि 2024 में उन्होंने पोलैंड, यूक्रेन, रूस, इटली, ब्राज़ील और गुयाना की यात्रा की।
विदेश यात्राओं का उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं का मुख्य उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति को मजबूत करना, निवेश आकर्षित करना, द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना और भारत की अर्थव्यवस्था को गति देना है। इन यात्राओं के माध्यम से विभिन्न देशों के साथ व्यापार, सुरक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं केवल खर्च का विषय नहीं हैं, बल्कि ये भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करने में सहायक होती हैं। इन दौरों से भारत को वैश्विक स्तर पर नई आर्थिक संभावनाएं मिलती हैं, निवेश बढ़ता है और रणनीतिक साझेदारी मजबूत होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर खर्च को लेकर संसद में सवाल उठाए गए हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि ये यात्राएं भारत की कूटनीतिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन दौरों से भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवेश और वैश्विक सहयोग के नए अवसर मिले हैं।
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