पढ़िये दैनिक जागरण की ये खास खबर….
अफगानिस्तान में भारत अब तक काफी संख्या में अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल चुका है। इसके अलावा अमेरिका ब्रिटेन और जर्मनी भी इसी तरह की कवायद में जुटे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वो अपने हर नागरिक को वापस लाएंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत समेत सभी देश अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को सकुशल बाहर निकालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। भारत ने 15 अगस्त 2021 को जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, उससे पहले से ही ये कवायद शुरू कर दी थी। भारत ने सबसे पहले काबुल स्थित दूतावास कर्मियों को वापस बुलाया था। इसके बाद वहां फंसे नागरिकों को धीरे-धीरे वायु सेना के विमान सी-17 ग्लोबल मास्टर से वापस लाया गया।
अब भारत ने कमर्शियल फ्लाइट भी शुरू कर दी है। भारत अब तक एक हजार से अधिक अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से सकुशल वापस भी निकाल चुका है। अब भारत के कुछ ही नागरिक अफगानिस्तान में हैं। इनमें भी अधिकतर वो ही नागरिक हैं जो काबुल से काफी दूरी पर हैं। ऐसे कुछ नागरिकों ने अफगानिस्तान स्थित गुरुद्वारों में शरण ले रखी है।
भारत ने रविवार को भी वायु सेना के तीन विमानों से करीब 382 लोगों को काबुल से निकाला था। इनमें करीब 329 भारतीय नागरिक थे। इस दौरान लोगों को लाने के लिए सी-17 ग्लोबल मास्टर, और सी-130जे विमान की मदद ली गई है। ग्लोबल मास्टर से करीब 168 लोगों को भारत लाया गया था। इनमें 107 भारतीयों समेत 23 अफगान सिख और हिंदु शामिल थे। इसके अलावा 87 भारतीय नागरिकों के अलावा दो नेपाली नागरिकों को एयर इंडिया के विशेष विमान के जरिए भारत लाया गया। इसी तरह से अमेरिकी विमान से काबुल से दोहा लाए गए 35 भारतीय नागरिकों को भी भारत लाया गया है।
आपको बता दें कि काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा फिलहाल अमेरिकी फौज कर रही है। अमेरिकी विमान भी वहां से अपने नागरिकों को और अपने जवानों को निकालने की कवायद में लगा हुआ है। रविवार को अमेरिका ने वहां से अपने 169 नागरिकों को बाहर निकाला है। इसके बावजूद अब भी वहां पर काफी संख्या में अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि उनके हजारों लोग अब अफगानिस्तान से वापसी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि वो अपने आखिरी नागरिक को भी सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में अपने लोगों और जवानों की सुरक्षित वापसी के लिए अमेरिका ने वहां पर अपने कुछ अतिरिक्त जवान भी भेजे थे।
जर्मनी ने अपने दो H145Ms हेलीकाप्टर्स के साथ वहां पर स्पेशलाइज्ड कमांडो फोर्स के जवानों को भी काबुल भेजा है। इसके अलावा ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इसी तरह की कवायद की है जिससे वहां से जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। आपको बता दें कि जर्मनी ने अफगान नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा देने की घोषणा की है। जर्मनी का ए400एम कार्गो विमान काबुल से लोगों को निकालने में लगा हुआ है। साभार-दैनिक जागरण
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