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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 अगस्त को ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है। NCP चीफ शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी इस वर्चुअल मीटिंग में बुलाया गया है। माना जा रहा है कि विपक्ष की मजबूत एकता दिखाने के मकसद से यह बैठक बुलाई गई है। इस दौरान आने वाले दिनों में दिल्ली में लंच या डिनर पर विपक्षी नेताओं की मुलाकात की तारीख तय हो सकती है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि विपक्ष की एकजुटता को और अधिक मजबूत किया जाए और आने वाले चुनावों तक इसे बनाए रखें। सोनिया की कोशिश है कि 2024 लोकसभा इलेक्शन तक BJP के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष तैयार हो। माना जा रहा है कि इस रणनीति पर विपक्षी पार्टियां भी सहमत हैं। अगले साल UP में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में है।
ममता और राहुल भी कर चुके हैं मीटिंग
हाल ही में ममता बनर्जी और शरद पवार ने विपक्ष के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात की थी। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मानसून सेशन के दौरान 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ब्रेकफास्ट पर बुलाया था। बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता इस ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी में शामिल नहीं हुए।
कपिल सिब्बल के घर पर विपक्ष की बैठक
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी हाल में शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना के संजय राउत, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला के साथ मीटिंग की थी। इसमें भाजपा के पूर्व सहयोगी अकाली दल और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल को भी बुलाया गया था। इस दौरान गांधी परिवार का कोई नेता मौजूद नहीं रहा।
मानसून सत्र में दिखी विपक्षी दलों की एकजुटता
15 से अधिक विपक्षी दलों ने मानसून सत्र के दौरान संसद में संयुक्त मोर्चा बनाया, जो लगातार पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानूनों और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हंगामा करता रहा। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हर दिन बाधित होती रही। बिना बहस के ही सदन में कई बिल पास हो गए।
राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने मार्च निकाला
सेशन खत्म होने के बाद गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया। शिवसेना, राकांपा, राजद, समाजवादी पार्टी, DMK और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि राज्यसभा में बुधवार को लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। साभार-दैनिक भास्कर
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