GST Slabs in Delhi: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के मॉनसून सत्र में ‘दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021’ (Delhi GST Amendment Bill 2021) को पास कर दिया गया है. दिल्ली जीएसटी संशोधन बिल पास करने के बाद केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने दावा किया है कि अब व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी.
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के मॉनसून सत्र में ‘दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021’ (Delhi GST Amendment Bill 2021) को पास कर दिया गया है. दिल्ली जीएसटी संशोधन बिल पास करने के बाद केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने दावा किया है कि अब व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही कर चोरी करने वालों और फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगाम लगेगी. बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021 का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा द्वारा पास किया गया. इसके तहत जीएसटी के सेक्शन 15 में संशोधन किया गया है और शेड्यूल 2 के पाराग्राफ 7 को हटा दिया गया. ये संशोधन 39वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में अप्रूव किए गए थे.
दिल्ली में जीएसटी स्लैब में बदलाव
सिसोदिया ने कहा कि प्रस्तावित दिल्ली जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2021 व्यापारियों की कठिनाइयों को कम करने, जीएसटी की प्रक्रिया को सुगम बनाने और उन सभी लोगों को जवाबदेह बनाने के लिए लाया गया है, जिन्होंने जीएसटी में फर्जीवाड़ा किया और लोगों से पैसा लिया लेकिन सरकार को नहीं दिया. यह प्रस्तावित संशोधन विधेयक उन सभी लोगों पर लगाम लगाएगा जो करों की चोरी करते हैं.
केजरीवाल सरकार ने दावा किया है कि अब व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी.
व्यापारियों को अब ऐसे होगा फायदा
बता दें कि जीएसटी के सेक्शन 15 में यह व्यवस्था थी कि व्यापारियों को कंपल्सरी ऑडिट और रिकॉन्सिलिएशन ऑफ स्टेटमेंट देना जरूरी था. इसके कारण व्यापारी वर्ग पर लिखा-पढ़ी का बोझ ज्यादा था. इससे छोटे-छोटे व्यापारियों को चार्टेड और कॉस्ट एकाउंटेंट्स पर निर्भरता बढ़ रही थी. इसके साथ ही उनका खर्च भी बढ़ रहा था. अब इस कंपल्शन को हटा दिया गया है. सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर अगर कोई स्क्रूटेनी होती है और किसी कारणवश गाड़ी सीज हो जाती है तो पहले सामान तब छोड़ा जाता था जब व्यापारी टैक्स और जुर्माना दोनों देता था. अब सामान की कीमत पर जुर्माना देना होगा और टैक्स अलग से देना होगा.
अब ग्रॉस अमाउंट पर क्या लगेगा इंटरेस्ट
इसके साथ ही पहले रिटर्न देर से फाइल होने की स्थिति में ग्रॉस अमाउंट पर इंटरेस्ट देना पड़ता था. अब केवल जो अमाउंट टैक्स लाइबिलिटी के रूप में कैश में पे किया जाएगा केवल उस पर यानि नेट अमाउंट पर इंटरेस्ट लगेगा. ये व्यवस्था 1.7.2017 से लागू होगा. जीएसटी संशोधन विधेयक 2021 में गड़बड़ी को रोकने के लिए कुछ सख्ती भी की गई है. ITC संबंधी गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार फर्जी फर्म स्थापित कर जीएसटी चोरी करने वाले लोगों की संपत्ति भी कुर्की करेगी. अभी इन मामलों में उस व्यक्ति पर करवाई के जाती है, जिसके नाम फर्म रजिस्टर्ड है लेकिन इस संशोधन के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड लोगों पर भी गाज गिरेगी.
ई-वे बिल के मामले में अभी गाड़ी पकड़े जाने पर डिस्प्यूटेड अमाउंट का 10% प्री-डिपॉजिट रखने का प्रावधान है, जिसे बढ़ाकर 25% किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में एक और फर्जीवाड़ा देखने को मिला है. कुछ लोग GSTR-1 और 3B फॉर्म भरते समय R-1 में बढ़ी हुई राशि और 3B में कम राशि दिखाते हैं. जब ITC पास करने की बात आती है तो लोग अधिक बिक्री का दावा करते हैं, लेकिन टैक्स भरने के दौरान बिक्री कम दिखाते हैं. इसके मद्देनजर अब से आर-1 में दाखिल करों को भी टैक्स लायबिलिटी में शामिल किया जाएगा. साभार- न्यूज़18
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