नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार दोपहर ठीक 2 बजे 12वीं कक्षा का परिणाम जारी कर दिया। सीबीएसई द्वारा उपलब्ध कराई गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, 14 लाख के करीब छात्र-छात्राओं ने 12वीं की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था, जिसमें 1296318 छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। सीबीएसई 12वीं के नतीजे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbseresults.nic.in पर जारी किए गए हैं।

Highlights CBSE Result 

  • सीबीएसई के मुताबिक, 65184 छात्र-छात्राओं का परिणाम आगामी 5 अगस्त को घोषित किया जाएगा।
  • इस बार के 12वीं कक्षा के परिणाम में लड़कों की तुलना में 0.54 फीसद लड़कियां अधिक उत्तीर्ण हुई हैं।
  • 99.67 फीसद लड़कियां उत्तीर्ण हुई हैं
  •  99.13 फीसद लड़के पास हुए हैं
  • 100 ट्रांसजेंडर भी इस बार उत्तीर्ण हुए हैं
  • 6149 छात्र-छात्राओं की कंपार्टमेंट भी आई है।

दरअसल, इस बार परीक्षा नहीं होने के चलते रोल नंबर नहीं जारी किया गया है, ऐसे में छात्र-छात्राएं इस लिंक https://cbseit.in/cbse/2021/rfinder/landing.aspx पर जाकर रोल नंबर खोज सकते हैं। इसके जरिये छात्र अपना परिणाम देख पाएंगे। बता दें कि  सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए इस बार 16 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था।

सीबीएसई के एलान के बाद शुक्रवार दोपहर 2 बजे उनका इंतजार खत्म हो गया। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मामलों के चलते सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा रद कर दी थी, जिसके नतीजे शुक्रवार को जारी हुए।

डिजिलॉकर में मिलेगी मार्क शीट

सीबीएसई के छात्र-छात्राएं अपना 120वीं का परीक्षा परिणाम डिटिलॉकर में देखने के साथ अपनी मार्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं।

अगले सप्ताह जारी हो सकता 10वीं परिणाम

यह भी जानकारी भी सामने आ रही है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अगले सप्ताह 10वीं परीक्षा का परिणाम भी जारी कर सकता है।

वहीं,  एक दिन पहले दसवीं की परीक्षा रद किए जाने के बाद आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को अंक दिए जाने की नीति को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सही ठहराया है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति ¨सह की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में सीबीएसई ने कहा कि दसवीं कक्षा की मूल्यांकन नीति भी 12वीं क्लास के मूल्यांकन नीति के आधार पर बनाया गया है और इस पर सुप्रीम कोर्ट भी संतुष्टि जाहिर की है। साथ ही मूल्यांकन नीति के खिलाफ दाखिल याचिका को निरस्त करने की मांग की है।जनहित याचिका पर जवाब देते हुए सीबीएसई ने दलील दी कि नीति बनाते समय ध्यान में रखा गया है कि अंक देने में स्कूल किसी छात्र के साथ अन्याय नहीं कर सके। स्कूल छात्रों को वास्तविक योग्यता के आधार पर अंक दे।

सीबीएसई ने यह भी कहा कि तकनीकि व उच्च शिक्षा के विशेषज्ञों ने नीति को तैयार किया है और नीति से किसी भी छात्र के साथ भेदभाव या अन्याय नहीं होगा। न्यायसंगत, निष्पक्ष और विश्वसनीय परिणाम सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी परिणाम समिति को दी गई है।याचिका में सीबीएसई को 10वीं कक्षा के छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन की नीति में संशोधन की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के आरोपों को आधारहीन बताते हुए सीबीएसई ने कहा कि उसके मूल्यांकन नीति में न तो कोई बदनीति है या न ही भेदभाव की कोई गुंजाईश। साभार-दैनिक जागरण

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