COVID 19 से सैलून व ब्यूटी पार्लर इंडस्ट्री को 350 करोड़ का नुकसान, सरकार से GST दरों को घटाने की मांग

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COVID 19 Side Effects: कोरोना काल में सैलून और ब्यूटी पार्लर इंडस्ट्री को करीब 350 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है. ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है. बहुत से ग्राहक जीएसटी का भुगतान नहीं करते हैं, उसे सैलून ऑनर अपनी जेब से भरते हैं. सरकार से डिमांड है कि ब्यूटी प्रॉडक्ट्स पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत की जाए.

नई दिल्ली. कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से आम और खास सभी प्रभावित हुए हैं. कोविड-19 (COVID-19) की वजह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) में जहां रेहड़ी पटरी और छोटे कारोबारियों को बड़ी परेशानी हुई है. वहीं, अब सैलून ऑनर, ब्यूटी पार्लर ऑनर और मेकअप आर्टिस्ट्र भी तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस इंडस्ट्री को कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से करीब 350 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. लॉकडाउन और अनलॉक में कड़ी पाबंदियों की वजह से क्लाइंट्स भी कम पहुंच रहे हैं.

इन्हीं तमाम समस्याओं को लेकर दिल्ली की एसोसिएशन सोवा (सैलून ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन) ने सेमिनार आयोजित किया, जिसमें दिल्ली के तमाम प्रमुख सैलून और ब्यूटी पार्लर संचालक उपस्थित रहे. सेमिनार में चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल, सीटीआई वुमन काउंसिल की प्रेजिडेंट मालविका साहनी ने भी हिस्सा लिया.

सैलून और ब्यूटी पार्लर इंडस्ट्री को कोरोना में लगे लॉकडाउन की वजह से करीब 350 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है.

बृजेश गोयल ने बताया कि सैलून संचालकों (Salon Onwer) के मुताबिक कोरोना काल में इंडस्ट्री को लगभग 350 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है. अभी जीएसटी (GST) की दरों के लेकर भी काफी टेंशन है. मौजूदा समय में ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है. बहुत से ग्राहक जीएसटी का भुगतान नहीं करते हैं, उसे सैलून ऑनर अपनी जेब से भरते हैं.

सैलून और ब्यूटी पार्लर इंडस्ट्री (Beauty Parlour Industry) की सरकार से डिमांड है कि ब्यूटी प्रॉडक्ट्स पर जीएसटी की दर घटाकर 12 प्रतिशत की जाए.

मालविका साहनी ने बताया कि सैलून ऑनर ऑनलाइन कंपनियों की सर्विस से भी चिंतित हैं. लॉकडाउन में जहां सैलून और पार्लर बंद रहे, वहीं ऑनलाइन कंपनियों ने लोगों को घर-घर जाकर सर्विस दी. वो जीएसटी भी नहीं देते. उनसे कोरोना संक्रमण का खतरा भी अधिक है. मार्केट में दुकान खोलकर और बड़ा इंवेस्टमेंट करके बैठे ऑनर का खासा नुकसान है. ऑनलाइन कंपनियों पर नियंत्रण लगना चाहिए.

एसोसिएशन ने सैलून और पार्लर का आयोग बनाने की भी डिमांड की ताकि इंडस्ट्री की समस्याओं पर त्वरित काम हो. बृजेश गोयल ने कहा कि सैलून ऑनर की चिंता को सरकार तक पहुंचाएंगे, जिससे जीएसटी काउंसिल में भी यह विषय उठ सके. सैलून इंडस्ट्री के लिए सीटीआई अलग से काउंसिल बनाएगी.

सेमिनार में सैलून एवं ब्यूटी पार्लर इंडस्ट्री से कुसुम गोयल, उमेश दत्त, प्रेम इस्रानी, मीनाक्षी दत्त, जानवी कौर, धीरज, राहुल मेहंदीरत्ता, टीना मेहंदीरत्ता, संदीप कालरा, पिंकी सिंह, निर्मल रंधावा, राकेश गोगिया, नीलम हरीश आदि मौजूद रहीं. साभार- न्यूज़18

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