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Delhi Metro Commuters Alert डीएमआरसी का कहना है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए प्रतिदिन करीब 470 यात्रियों की काउंसलिंग की जाती है। वहीं शारीरिक दूरी का नियम नहीं मानने और मास्क न लगाने पर 200 रुपये फाइन लिया जा रहा है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी फैलने के बाद पहली बार सोमवार से बैठने की पूरी क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन शुरू हो गया, जो मंगवलार को भी जारी है। इस दौरान यात्रियों को 3 गलतियां भारी पड़ने वाली हैं। पहला मास्क न लगाना और दूसरा शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने पर 200 रुपये फाइन देना होगा, जबकि तीसरी गलती यानी मेट्रो में खड़े होकर यात्रा करने की कोशिश की तो मेट्रो का दस्त ट्रेन से बाहर निकाल देगा।
मेट्रो से उतारे गए 432 यात्री, 159 को जुर्माना
गौरतलब है कि 25 जुलाई तक मेट्रो में प्रतिदिन औसतन आठ लाख यात्री 16 लाख यात्राएं करते थे। सोमवार को रात नौ लाख बजे करीब नौ लाख यात्रियों ने 17.5 लाख यात्राएं कीं। मेट्रो में खड़े होकर सफर करने पर नौ फ्लाईंग स्क्वाएड टीम ने 432 यात्रियों को ट्रेन से उतार दिए। वहीं 159 यात्रियों पर 200-200 रुपये जुर्माना लगाया गया। डीएमआरसी का कहना है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए प्रतिदिन करीब 470 यात्रियों की काउंसलिंग की जाती है।
वहीं, इसके पहले दिन यानी सोमवार को व्यस्त समय में स्टेशनों के बाहर से लेकर मेट्रो ट्रेनों के अंदर तक अव्यवस्था दिखी। स्टेशन के बाहर यात्रियों को 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक लाइन में खड़ा होना पड़ा। इससे यात्रियों को परेशानी भी हुई। वहीं सुबह में मेट्रो के अंदर भी काफी भीड़ रही और यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। इस वजह से शारीरिक दूरी के नियम धरे रहे गए। ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि परिचालन के नए दिशा निर्देश से सभी यात्री पूरी तरह अवगत नहीं थे,n इसलिए यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। डीएमआरसी का कहना है कि नए दिशा निर्देश के मुताबिक एक सीट छोड़कर बैठने की बाध्यता खत्म कर दी गई है और सभी सीट पर यात्री बैठकर सफर कर सकते हैं। फिर भी 20 फीसद क्षमता के साथ ही मेट्रो का परिचालन होना है। क्योंकि मेट्रो में अभी खड़े होकर सफर करने का प्रविधान नहीं है। मेट्रो के एक कोच में करीब 300 यात्रियों के सफर करने की क्षमता होती है लेकिन करीब 50 यात्रियों के ही बैठने की सुविधा होती है।
खड़े होकर सफर करने पर फ्लाइंग स्क्वाड करेगी कार्रवाई
डीएमआरसी ने यात्रियों से खड़े होकर सफर नहीं करने की अपील की है। साथ ही यह भी कहा कि फ्लाइंड स्क्वाड की टीम औचक जांच करेगी ताकि मेट्रो में भीड़ न होने पाए। इसके अलावा खड़े होकर सफर करने वाले यात्रियों के खिलाफ फ्लाइंग स्क्वाड टीम जुर्माना करेगी। यात्रियों को जागरूक भी किया जा रहा है कि नियमों का पालन करें। बहरहाल एक दिन पहले तक मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था थी। इसके लिए सभी मेट्रो ट्रेनों में हर एक सीट के बाद स्टिकर चिपकाया गया है। स्टिकर लगे सीट पर यात्रियों को नहीं बैठने का निर्देश लिखा हुआ है। बैठने की पूरी क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन तो शुरू हो गया लेकिन अभी ये स्टिकर हटाए नहीं जा सके हैं। इस वजह से कई मेट्रो में यात्री एक सीट छोड़कर बैठे भी नजर आए लेकिन उसी ट्रेन में कई यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो की सीटों पर लगे स्टिकर हटाए दिए जाएंगे।
स्टेशनों के बाहर लगी यात्रियों की लंबी कतार
मेट्रो में भीड़ नियंत्रित करने के लिए ज्यादातर स्टेशनों पर सिर्फ एक गेट ही खोले जा रहे हैं। कुछ इंटरचेंज स्टेशनों के अलावा 16 स्टेशनों पर दो-दो गेट खुले रहे। तरह दिल्ली मेट्रो के 253 स्टेशनों पर सिर्फ 276 गेट ही खुले रहे। इस वजह से सुबह व्यस्त समय में ज्यादातर स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी लाइनें लग गई। यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया पर फोटो पोस्ट कर एक किलोमीटर तक लाइन लगने की डीएमआरसी से शिकायतें की। यात्रियों ने स्टेशनों पर अतिरिक्त गेट खोलने व मेट्रो में शारीरिक दूरी के नियम के साथ यात्रियों के खड़े होकर सफर करने का प्रविधान करने की भी मांग की। साभार-दैनिक जागरण
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