अटल जी की विरासत: वो दिन जो हमेशा दिल में जिंदा रहेंगे

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, महान कवि, और एक सशक्त राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जीवन, आदर्शों और योगदान को नमन करते हुए एक भावपूर्ण लेख लिखा। अटल जी की राजनीति, नेतृत्व, और दूरदर्शिता का देश पर आज भी अमिट प्रभाव है। उनके व्यक्तित्व को शब्दों में समेटना जितना कठिन है, उतना ही प्रेरणादायक भी।
अटल जी: अदम्य साहस और अडिग विश्वास का परिचायक
अटल जी के जीवन दर्शन को दर्शाने वाली उनकी पंक्तियां, “मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं… लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?” उनके साहस और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का अद्वितीय उदाहरण हैं। उनका यह विश्वास उनके हर निर्णय और कर्म में झलकता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जीवन के इन साहसी शब्दों को उद्धृत करते हुए लिखा, “अटल जी कूच से नहीं डरे…उन जैसे व्यक्तित्व को किसी से डर लगता भी नहीं था। वो कहते थे, ‘जीवन बंजारों का डेरा, आज यहां, कल कहां कूच है…’। आज यदि वह हमारे बीच होते, तो अपने जन्मदिन पर एक नया सवेरा देख रहे होते।”
सुशासन का अटल दिवस
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर को सुशासन का अटल दिवस करार दिया और इस दिन को भारतीय राजनीति और जनमानस के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, “आज पूरा देश अपने भारत रत्न अटल जी को याद कर रहा है। उनकी सहजता, सौम्यता और सहृदयता ने करोड़ों भारतीयों के मन में अपनी जगह बनाई। उनका योगदान भारतीय राजनीति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।”
राजनीतिक अस्थिरता के दौर में अटल जी का नेतृत्व
1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला, तब देश राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था। उस समय नौ वर्षों में देश चार बार लोकसभा चुनाव देख चुका था। लोगों के मन में यह शंका थी कि नई सरकार भी उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगी।
लेकिन अटल जी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और देश को राजनीतिक स्थिरता का एक नया मॉडल दिया। उन्होंने सुशासन, विकास, और स्थायित्व की मिसाल कायम की। उनका नेतृत्व उस समय के भारत के लिए नवजागरण का प्रतीक था।
आईटी और टेलीकम्युनिकेशन में क्रांति
अटल जी के शासनकाल में देश ने आईटी, टेलीकम्यूनिकेशन और दूरसंचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति देखी। उनकी सरकार ने टेक्नोलॉजी को आम नागरिक की पहुंच में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। दूरदराज के इलाकों को बड़े शहरों से जोड़ने के लिए सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया।
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं ने भारत के ग्रामीण और शहरी इलाकों को जोड़ा, जिससे आर्थिक प्रगति को गति मिली।
दूरदर्शी सोच और साहसी कदम
अटल जी ने 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने का सपना देखा था। उनकी सरकार ने आर्थिक सुधार, विदेशी निवेश, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती प्रदान की। 1998 में परमाणु परीक्षण कर भारत को वैश्विक स्तर पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करना अटल जी के साहसी नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण है।
व्यक्तित्व जो अटल है
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल जी के प्रति अपने भावनात्मक जुड़ाव को व्यक्त करते हुए लिखा, “मैं वो दिन नहीं भूल सकता जब उन्होंने मुझे पास बुलाकर अंकवार में भर लिया था और जोर से पीठ पर धौल जमा दी थी। वह स्नेह, वह अपनत्व मेरे जीवन का बड़ा सौभाग्य रहा है।”
अटल जी की विरासत
अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मूल्यों पर अटल रहते हुए सफलता हासिल की जा सकती है। वह भारत के विकास और सुशासन के ऐसे स्तंभ थे, जिन्होंने देश को नई दिशा और नई गति दी।
अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन प्रेरणा, साहस, और सेवा का प्रतीक है। उन्होंने अपने कार्यों और विचारों से यह साबित किया कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो जनता के लिए समर्पित हो। उनकी 100वीं जयंती पर, पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके योगदान को याद करता है। अटल जी का सपना था एक विकसित और समृद्ध भारत, और उस दिशा में उनका प्रत्येक कदम आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
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