गौतमबुद्ध नगर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में कोविड-19 विकराल रूप धारण करता जा रहा है। ऐसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी जिला जजों को कुछ खास निर्देश दिए हैं। जिसमें अपने-अपने जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करने और हालात पर नजर रखने को कहा गया है। इसी सिलसिले में गौतमबुद्ध नगर के जिला जज ने जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा है। जिसमें 10 महत्वपूर्ण आदेश दिए गए हैं। इनमें कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों का उपचार करवाने से लेकर मौत के मामलों की सही गणना करने और उचित सूचनाएं उपलब्ध करवाने जैसे बिंदु शामिल हैं। यह सारी सूचनाएं ईमेल के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया है।
जिला जज ने पत्र में लिखा है-
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन यह निर्धारित करे कि कोविड-19 के कारण सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में हो रही मृत्यु की सही जानकारी नोडल अफसर को प्रत्येक दिन के अंत तक दे दी जाए। जिला प्रशासन यह भी तय करेगा कि नोडल अफसर को भेजा जाने वाला डाटा सही होना चाहिए।
जिन थानाध्यक्षों के क्षेत्रों में श्मशान घाट कब्रिस्तान आते हैं, वह यह निर्धारित करेंगे कि सभी शवों का कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है। थानाध्यक्ष यह भी निर्धारित करेंगे कि कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों का पूरा ब्यौरा अंतिम संस्कार स्थलों के रजिस्टर में दर्ज हो रहा है। यह जिम्मेदारी नगर निकायों को भी वहन करनी होगी। प्रशासन यह पूरी तरह निर्धारित करेगा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण जिन लोगों की मौत हो रही है, उनके शवों को प्रोटोकॉल के तहत पैक किया जा रहा है। नगर निकायों के अफसर अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया कोविड-19 प्रोटोकोल के तहत पूरी करवाएंगे।
जिला प्रशासन 2 मई तक यह बताएगा कि लेवल-2 और लेवल-3 कोविड-19 अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति क्या है। कितने बिस्तरों पर मरीजों को भर्ती किया गया है। प्रत्येक दिन बिस्तरों की मांग की सूचना उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार यह भी बताएगी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को लेवल-2 के अस्पतालों में परिवर्तित क्यों नहीं किया जा रहा है। इससे बड़े अस्पतालों पर दबाव कम होगा।
जिले में आईसीयू वाले बिस्तरों की संख्या कितनी है। यह बताना होगा बीपैप मशीन और हाईफ्लो कैनुला मास्क की संख्या कितनी है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने होंगे।
जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति से जुड़ी सांख्यिकीय जानकारी देनी होगी। सरकारी अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगे हुए हैं, वहां ऑक्सीजन मुहैया कराने की जानकारी देनी होगी। अस्पतालों की वास्तविक आवश्यकता का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं, उनके उत्पादन क्षमता क्या है।
यह भी बताया जाए कि कोविड-19 अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं और खासतौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मरीजों को मिलने वाले भोजन की जानकारी दें। कितने समय खाना दिया जाएगा। उसकी गुणवत्ता क्या होगी। उसमें विटामिन और कैलोरी कितनी होगी। भोजन का स्रोत भी मरीजों को बताया जाए।
जिले में मौजूद एंबुलेंस और उनकी दशा के बारे में बताया जाए। लेवल-3 और प्राइवेट अस्पतालों में दाखिले की प्रक्रिया क्या है। 19 अप्रैल से 2 मई के बीच कोरोनावायरस के संक्रमण से मरने वाले लोगों की वास्तविक संख्या बताई जाए।
यह भी देखा जाए कि क्या एलपीजी सिलेंडरों का उपयोग ऑक्सीजन गैस के लिए किया जा सकता है।
यह सभी सूचनाएं कोविड-19 अस्पतालों में उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। अस्पतालों में यह भी लिखा जाए कि इलाज की दरें क्या हैं। अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति का स्टेटस क्या है !! साभार- ट्रीसिटी टुडे
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