कोरोनाकाल में ऑक्सीजन का संकट लोगों की जान ले रहा है। फिर भी लोग पेड़ों का महत्व नहीं समझ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के सिंघोरी वन अभ्यारण्य में दो पेड़ काटने वाले एक आरोपी छोटेलाल पर बम्होरी वन विभाग ने 1 करोड़ 21 लाख 7 हजार 700 रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, ये दोनों पेड़ सागौन के थे।
विभाग ने इसे वन संपदा माना और एक पेड़ की उम्र 50 साल मानकर जुर्माने का कैलकुलेशन किया। दरअसल, आरोपी ने इसी साल जनवरी में अभ्यारण्य की बीट पहरिया में सागौन के दो पेड़ काट दिए थे। तभी से वह फरार चल रहा था।
एक पेड़ 50 साल में हमें क्या-क्या देता, इसी आधार पर जुर्माना
बम्हौरी वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार पलेचा ने बताया कि डायरेक्टर जनरल इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन के मुताबिक, एक पेड़ की उम्र 50 साल होती है। 50 साल में एक पेड़ 52 लाख 400 रु. की सुविधा प्रदान कर सकता है।
इनमें 11 लाख 97 हजार 500 रु. की ऑक्सीजन है, जो वो छोड़ता है। यही ऑक्सीजन प्राणवायु का काम करती है। इतने सालों में यही एक पेड़ 23 लाख 68 हजार 400 रु. का वायु प्रदूषण नियंत्रित करता है। जबकि 19 लाख 97 हजार 500 रु. मूल्य की भूक्षरण नियंत्रण व उर्वरता बढ़ाने में सहयोग करता है। बारिश के पानी को रोकने, कटाव रोकने, जल को रिसाइकिल करने में 4 लाख 37 हजार रु. की मदद देता है। इस तरह एक पेड़ हमें 50 साल में 52 लाख 400 रु. से अधिक का फायदा पहुंचाता है।
फिलहाल मामला कोर्ट में
इसलिए छोटे लाल पर सागौन के दो पेड़ काटने पर 1 करोड़ 21 लाख 7 हजार 700 रु. जुर्माना लगाया है। फिलहाल मामला कोर्ट में है। इसमें 26 अप्रैल को ही चालान पेश किया गया है। साथ ही पेड़ काटने से होने वाले नुकसान के आधार पर कड़ी सजा देने की मांग की गई है। साभार दैनिक भास्कर
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