हवा की सेहत में सुधार नहीं, अब ऑनलाइन ही चलेगी पढ़ाई

गाजियाबाद:- प्रदूषण का स्तर अभी भी खतरनाक बना हुआ है, जिसके कारण स्कूलों में शारीरिक कक्षाएं नहीं हो रही हैं। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 252 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब तक प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में नहीं आता, तब तक स्कूलों को बंद रखा जाएगा और ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। पिछले 10-15 दिनों में प्रदूषण में कुछ कमी आई थी, लेकिन यह अभी भी सुधार की स्थिति में नहीं है।
लोनी की स्थिति खासकर गंभीर है, जहां AQI 312 तक पहुंच चुका है और यह गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। स्मॉग और प्रदूषित हवा के कारण यहां के निवासी खासकर बच्चे, बुजुर्ग और सांस के मरीजों को अधिक दिक्कत हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, लोनी के अस्पतालों में हर दिन 10-15 लोग सांस संबंधी समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है, और अस्पतालों में सबसे अधिक मरीज सांस की समस्याओं, गले में खराश और खांसी से संबंधित देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में घुली PM 2.5 के कण सीधे फेफड़ों में जा रहे हैं, जिससे दमा और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
इस स्थिति में नागरिकों को बाहर निकलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है, साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि सुबह के बजाय दोपहर और शाम के समय बाहर निकलना सुरक्षित रहेगा।
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