कोरोना महामारी न सिर्फ जिंदगी पर भारी पड़ रही है, बल्कि इसकी वजह से हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ा है। नोएडा के सबसे बड़े शवदाह गृह ‘अंतिम निवास’ में अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही शवदाह की अनुमति दी जाएगी। गुरुवार से इस नए नियम को लागू कर दिया गया है। दरअसल इस शवदाह गृह में रोजाना 50-60 मृतकों की चिताएं जलाई जाती हैं। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक हर अंतिम यात्रा के साथ 20 लोगों को अनुमति है। इस वजह से यहां भारी भीड़ जुट जाती है।
व्हाट्सएप नंबर पर भेजना होगा पेपर
अंतिम निवास का संचालन करने वाली संस्था लोक मंच एनजीओ के जनरल सेक्रेटरी महेश सक्सेना ने बताया कि अब ‘अंतिम निवास’ में अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को ऑनलाइन आवेदन देना होगा। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर 844 815 3825 पर मृतक की जानकारी साझा करनी होगी। उसके बाद उन कागजातों का सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के बाद परिजनों को एक यूनिक कोड जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हम श्मशान घाट में ‘टाइम स्लॉट’ के हिसाब से यूनिक कोड जारी कर रहे हैं। ताकि किसी भी परिजन को तकलीफ ना हो। फिलहाल भारी संख्या में लोग शवदाह गृह पहुंच रहे हैं और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। क्योंकि विगत कुछ महीनों में मृतकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
इन कागजात की जरूरत होगी
बताते चलें कि लोक मंच एनजीओ नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित अंतिम निवास का संचालन कराती है। नोएडा प्राधिकरण ने इसकी जिम्मेदारी इस एनजीओ को सौंपी है। महेश सक्सेना ने बताया कि यूनिकोड के लिए जिन पेपर की जरूरत है, उसमें मृतक का आधार कार्ड, हॉस्पिटल के रिकॉर्ड, डेथ सर्टिफिकेट, मरीज कोरोना से संक्रमित था या नहीं और प्रोविजनल डेथ समरी की जरूरत पड़ेगी। हालांकि अगर किसी सरकारी तंत्र से डेथ सर्टिफिकेट या नोट उपलब्ध नहीं है, तो भी अंतिम संस्कार की इजाजत दी जाएगी। हालांकि मृतक के जानने वाले चार स्थानीय लोगों के नाम, मोबाइल नंबर और पूरा पता लिखा हुआ दस्तावेज स्वीकार किया जाएगा। स्थानीय की पहचान के आधार पर शव दाह के लिए अनुमति दी जाएगी।
हर शव के साथ 20 परिजन पहुंचते हैं
बताते चलें कि नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित ‘अंतिम निवास’ में फिलहाल रोजाना 50-60 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक एक मृत शरीर के साथ 20 लोगों के आने की अनुमति है। इस वजह से श्मशान घाट में भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो जा रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस से हुई मौत के मामले में अंतिम संस्कार के लिए सिर्फ चार लोगों की अनुमति है।
पहचान कर पाना मुश्किल था
इस बारे में महेश सक्सेना ने बताया, ‘फिलहाल हम यह पता नहीं कर पा रहे हैं कि किसकी मौत कोरोना की वजह से हुई है और कौन दूसरी बीमारियों से पीड़ित था। लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद हमें इसका पता चल पाएगा। अब यह पहचान करना बेहद सरल हो जाएगा। अगर कोविड से किसी की मौत हुई है, तो प्रोटोकॉल के मुताबिक सिर्फ 4 परिजनों को शवदाह गृह में जाने की अनुमति दी जाएगी।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad