टीचर से IPS बनीं लेडी सिंघम से खास बातचीत:कई डकैतों का सरेंडर करा चुकीं प्रीति चंद्रा ने कहा- महिलाओं के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए वरना वे कमजोर हाेते जाएंगे

2008 बैच की IPS प्रीति चंद्रा पहले टीचर थीं। अब वह बीकानेर में SP की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। चंद्रा बीकानेर की पहली महिला एसपी हैं। महिला दिवस पर दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने उस मुद्दे पर बात की, जिस पर आमतौर पर लोग चुप रहते हैं। वह मुद्दा था महिला कानूनों के दुरुपयोग का। प्रीति चंद्रा ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए पर्याप्त कानून हैं। लेकिन इन कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है। इससे यह कमजोर होंगे। ऐसे में जब कानून कमजोर होंगे तो फिर जिनकी रक्षा के लिए यह बनें हैं वे भी कमजोर होंगी।

IPS प्रीति कहती हैं कि आजकल मैं देखती हूं। सामान्य लड़ाई झगड़े के मामले में परिजन महिलाओं की ओर से गैंगरेप और छेड़छाड़ जैसे फर्जी लेकिन गंभीर आरोप लगवा देते हैं। जब ऐसी शिकायतें ज्यादा होती हैं तो जांच एजेंसियों की गंभीरता भी कम होती है। लोग पड़ोसियों के साथ विवाद में इन कानूनों का मिसयूज कर रहे हैं। यह सामान्य प्रवृति बनती जा रही है। लोग जमीन के झगड़े में यहां तक कि आपसी विवाद तक में गैंगरेप जैसे आरोप लगा देते हैं। समाज को चाहिए कि महिलाओं के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग नहीं हो। महिलाओं को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए। 

‘सबके साथ अलग रहती है बातचीत की टोन’
महिला होने के कारण अपराधियों से बात करने में दिक्कत की बात तो वह सिरे से खारिज करती हैं। अलबत्ता कहती हैं कि जब आप किसी पीड़ित से बात कर रहे हैं तो उस नर्स के समान होते हैं, जो दर्द को कम करने की कोशिश करती है। जब आप किसी अपराधी से बात करते हैं तो आपकी टोन अलग होनी ही चाहिए। मैं सबके साथ अलग टोन में बात करना जानती हूं।

प्रीति बताती हैं कि वो पहले शिक्षिका थी, वहां अलग तरह का जॉब था। वहां हमें बच्चों के साथ काम करना होता है, उन्हें कुछ सिखाना होता है। यहां समाज को सुधारने का काम है। यहां थोड़ी सख्ती है। दोनों काम में अंतर हैं लेकिन मेरे लिए कोई दिक्कत नहीं। बल्कि टीचर होने से समाज की प्रवृत्ति को समझना मेरे लिए आसान हो जाता है।

‘जो काम मिला वो पूरा करें’
बीकानेर में लेडी सिंघम के नाम से फेसम एसपी प्रीति चंद्रा कहती हैं कि महिला हो या पुरुष सभी को जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरा करना चाहिए। जिस विश्वास के साथ आपको काम सौंपा गया है, उसी विश्वास के साथ उसे पूरा करना होगा। यह नहीं होना चाहिए कि महिला हैं तो काम में किसी तरह की कोई छूट मिले। काम को शिद्दत के साथ पूरा करना चाहिए।

‘मेरिट से मिली पुलिस सर्विस’
UPSC एग्जाम देने के बाद मुझे पुलिस विभाग मिला। महिला होने के कारण आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। क्योंकि, यहां आपको अवसर नहीं मिलता। जो अवसर मिलता है, उसी में खुद को साबित करना होता है। मैंने खुद को हर स्तर पर साबित करने का प्रयास किया।

डकैतों में भी रहता था इस लेडी सिंघम का खौफ
प्रीति चंद्रा पहले करौली की एसपी भी रहीं। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में डकैत थे जो आए दिन हमले करते थे। पुलिस अधीक्षक के तौर पर प्रीति ने इतना भय बैठाया कि कई डकैतों ने सरेंडर कर दिया। इतना ही नहीं बूंदी में पुलिस अधीक्षक रहते हुए प्रीति ने देह व्यापार में जबरन भेजी जा रही नाबालिग लड़कियों को नरक से बाहर निकाला। खुद उन्होंने कई ठिकानों पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया।साभार-दैनिक भास्कर

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziaba

Exit mobile version