मोबाइल टावर उपकरण चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

गाजियाबाद:- क्राइम ब्रांच और वेव सिटी थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रविवार को एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। यह गिरोह मोबाइल टावर से आरआरयू (रेडियो रिसीवर यूनिट) और अन्य उपकरण चोरी कर उन्हें चीन भेजता था। पुलिस ने गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, बंगलूरू, बिहार और महाराष्ट्र में भी इसी प्रकार की चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
पुलिस की कार्रवाई
एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद राय ने बताया कि गिरोह के सदस्यों की पहचान इस प्रकार हुई है:
शाहरुख मलिक – निवासी जीरो क्रांति नगर, थाना कृष्णा विहार, दिल्ली।
अनस खान – निवासी जीरो क्रांति नगर, थाना कृष्णा विहार, दिल्ली।
वसीम मलिक – निवासी समर कॉलोनी, लिसाड़ी गेट, मेरठ।
साहिल मलिक – निवासी हिंडन विहार, नंदग्राम, गाजियाबाद।
कय्यूम मंसूरी – निवासी हिंडन विहार, नंदग्राम, गाजियाबाद।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने तीन लग्जरी कारों और करीब सात करोड़ रुपये के उपकरण भी बरामद किए हैं।
चोरी का तरीका
गिरोह के सदस्य दिन के समय खुद को कबाड़ी बताकर मोबाइल टावरों की रेकी करते थे। रात में ये लग्जरी गाड़ियों का उपयोग करते हुए टावरों से उपकरण चुरा लेते थे। चोरी किए गए उपकरणों को दिल्ली में कबाड़ियों को बेचा जाता था। वहां से आरआरयू और बीबीयू उपकरणों को गत्ते की पैकिंग में भरकर मुंबई ले जाया जाता था, जहां से इन्हें हांगकांग भेज दिया जाता था।
गिरोह का नेटवर्क
यह गिरोह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, बंगलूरू, बिहार और महाराष्ट्र में भी सक्रिय था। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनके कई साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
बरामदगी
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान तीन लग्जरी कारों सहित सात करोड़ रुपये के उपकरण बरामद किए हैं। इनमें प्रमुख रूप से आरआरयू और बीबीयू जैसे महंगे उपकरण शामिल हैं, जिनका उपयोग मोबाइल नेटवर्क संचालन में किया जाता है।
अधिकारियों का बयान
एडीसीपी सच्चिदानंद राय ने बताया कि गिरोह अत्यधिक संगठित और पेशेवर था। उन्होंने कहा, “यह गिरोह हाई-टेक तकनीक का उपयोग कर बड़ी ही सफाई से वारदातों को अंजाम देता था। उनकी गिरफ्तारी से कई राज्यों में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।”
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