देश में हर साल 4 मार्च के दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य देशभर में लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करना और दुर्घटनाओं को रोकना है.
नई दिल्ली. देशभर में आज का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) के रूप में मनाया जा रहा है. फिलहाल अब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (नेशनल सेफ्टी डे) को नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य देशभर में लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करना और दुर्घटनाओं को रोकना है.
नेशनल सेफ्टी डे का उद्देश्य
नेशनल सेफ्टी सप्ताह के दौरान देशभर में कई तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे लोगों को औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों के प्रति जागरुक किया जा सके. फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश की सीमाओं पर सुरक्षा में तैनात हजारों सिपाहियों और सिक्योरिटी विभाग को समर्पित होता है जिनके कारण देश की सीमाएं सुरक्षित रहती हैं.
नेशनल सेफ्टी डे का इतिहास
नेशनल सेफ्टी काउंसिल ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को अस्तित्व में लाने की पहल की थी. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को मनाए जाने की शुरुआत 4 मार्च 1972 से हुई थी. भारत में इसी दिन नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना की गई थी. जिस कारण इसी दिन को नेशनल सेफ्टी डे के रूप में मनाया जा रहा है.
नेशनल सेफ्टी काउंसिल में एक गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत इस संगठन की स्थापना की गई थी जिसमें आठ हजार सदस्यों को शामिल किया गया था.
नेशनल सेफ्टी डे की थीम
हर साल इसे अलग थीम के साथ मनाया जाता है. साल 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम “सुरक्षाकर्मियों को सलाम”, 2019 में “औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा”, 2018 में “सुरक्षा हमारी प्राथमिकता नहीं है, यह हमारा मूल्य है”, 2017 में “एक दूसरे को सुरक्षित रखें”, 2016 “ऐसा सुरक्षा आंदोलन जिसमें लोगों को कोई नुकसान न हो” थी.साभार-एबीपी न्यूज़
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