प्रियंका गांधी वाड्रा ने बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु के साथ ‘गठजोड़’ को लेकर दिया यह जवाब..

कांग्रेस के असंतुष्‍ट खेमे ने इस मामले में पार्टी नेतृत्‍व पर निशाना साधा है. प्रियंका ने हालांकि इस बारे में जवाब देते हुए ‘असंतुष्‍ट खेमे’ पर किसी भी तरह की टिप्‍पणी से परहेज किया.

गुवाहाटी : असम में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने मंगलवार को आईयूडीएफ और आईएसएफ जैसे संगठनों के साथ गठबंधन में पार्टी की विचारधारा के साथ समझौता करने के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी. गौरतलब है कि कांग्रेस के असंतुष्‍ट खेमे ने भी इस मामले में पार्टी नेतृत्‍व पर निशाना साधा है. प्रियंका ने हालांकि इस बारे में जवाब देते हुए ‘असंतुष्‍ट खेमे’ पर किसी भी तरह की टिप्‍पणी से परहेज किया.प्रियंका से बदरुद्दीन अजमल के आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के साथ असम और इंडियन सेक्‍युलर फ्रंट (ISF) जैसे संगठनों के साथ गठजोड़ को लेकर सवाल किया गया था.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जवाब में कहा, ‘यदि आप कल किए गए कुछ कमेंट्स का जिक्र करते हैं तो हमारे पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख इस पर पहले ही जवाब दे चुके हैं लेकिन असम में जो लड़ाई चल रही है, वह असम को बचाने के लिए ही है. यह असमिया लोगों की पहचान और असमिया राज्‍य के लिए है. बेशक विचारधाराओं में अंतर है. जिस पर हमारे गठबंधन सहयोगी विश्‍वास करते हैं, हम उससे 100 फीसदी सहमत नहीं हो सकते लेकिन इस लड़ाई के लिए हम साथ हैं क्‍योंकि हर कोई जानता है कि यह जंग असम को बचाने के लिए हैं.’एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस अगर असम में सत्ता में आई तो संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने के लिये नया कानून लेकर आएगी.

गौरतलब है कि असंतुष्‍ट खेमे से जुड़े आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस की रणनीति पर सवालिया निशान लगाया था. शर्मा ने हिंदी में अपने ट्वीट में लिखा था, ‘सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक (सिलेक्टिव) नहीं हो सकती. हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है.पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.’ एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, ‘ ISF और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.’ शर्मा के इस ट्वीट का जवाब देने में अधीर रंजन चौधरी ने देर नहीं लगाई. बंगाल में कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन ने जवाबी ट्वीट में लिखा था, ‘वे कांग्रेस के चुनिंदा असंतुष्‍टों के समूह से आग्रह करेंगे कि अपने कम्‍फर्ट स्‍पॉट से बाहर निकलें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना बंद करें.’ चौधरी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस बंगाल में माकपा नीत उस लेफ्ट फ्रंट की सहयोगी है जो बीजेपी को हराने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है.साभार-NDTVइंडिया

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