नोएडा ,केपटॉउन सोसाइटी के हजारों निवासियों के लिए खुशखबरी, तीन दिन में बिल्डर एओए को देगा हैंडओवर, जानें पूरा मामला

नोएडा की सबसे ज्यादा आबादी वाली केपटाउन सोसाइटी में निवासियों को बड़ी जीत मिली है। बिल्डर सुपरटेक को 17 फरवरी तक मेंटिनेंस से जुड़ा हेंडओवर सोसाइटी की एओए को सौंपना होगा। दरअसल सिविल न्यायालय की इस पर (अस्थायी निषेधाज्ञा) स्टे को 1 फरवरी, 2021 से हटा लिया गया है। इसके साथ ही सोसायटी के रखरखाव की जिम्मेदारी वहां की चुनी हुई एओए को मिलने में आने वाली कानूनी अड़चन खत्म हो गई है। एओए ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बिल्डर से जिम्मेदारी हस्तांतरण करने को कहा है।

बताते चलें कि सोसाइटी के निवासी इस मांग को लेकर उच्च न्यायालय तक जा चुके हैं। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने भी एओए को जिम्मेदारी देने वाली मांग को सही ठहराया था। इस क्रम में प्राधिकरण के सहायक महाप्रबंधक ने 11 फरवरी को पेटीएम और रेडियस को मेंटिनेंस एकाउंट को एओए के खाते से लिंक करने का आदेश दिया है। अथॉरिटी की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा ने अहम निर्देश दिया है। उन्होंने बिल्डर को प्राधिकरण के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर हैंडओवर करने को कहा है। केपटाउन, नोएडा की सबसे बड़ी सोसायटी है। इसके 37 टॉवर में 4,419 फ्लैट्स में करीब 25000 निवासी रहते हैं।

लंबे समय से चल रहा है विवाद

सुपरटेक केपटाउन हाउसिंग सोसायटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन और सुपरटेक बिल्डर के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा है। यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। पिछले दिनों नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे बिल्डर ने चुनौती दी है। साथ ही सोसाइटी में एक अन्य तीसरा पक्ष भी खड़ा हो गया है।

मेंटिनेंस के नाम पर रुपये ऐंठ रहा है बिल्डर

इस बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा का कहना है कि बिल्डर हर महीने हम लोगों की जेब से निकालकर करोड़ों रुपए ले जा रहा है। वह येन, केन, प्रकारेण हाउसिंग सोसाइटी में बने रहना चाहता है। उसने कुछ लोगों को अपना एजेंट बना लिया है। उनके जरिए फर्जी विरोध दिखाकर एसोसिएशन को शून्य रखना चाहता है। दरअसल, सोसायटी के कुछ लोग बिल्डर से मिलीभगत करके इस लूट में शामिल हो गए हैं। दूसरी ओर बिल्डर का कहना है कि वह सोसाइटी का कामकाज अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन को सौंपना चाहता है। लेकिन एसोसिएशन में कई फाड़ हैं। ऐसे में कानूनी रूप से मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसे दी जाए, यह तय कर पाना बहुत मुश्किल है।साभार- ट्रीसिटी टुडे

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version