गाजियाबाद,रियलिटी चेक- आपका मोबाइल चोरी हो या छिन जाए, पुलिस गुम होने की ही रिपोर्ट लिखेगी

सांकेतिक तस्वीर

गाजियाबाद। आपका मोबाइल चोरी हो ही नहीं सकता। जी हां, गाजियाबाद पुलिस का कुछ ऐसा ही मानना है। मोबाइल चोरी हो जाए या छिन जाए, पुलिस आसानी से रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगी। मंगलवार और बुधवार को अमर उजाला रिपोर्टर्स ने पांच थानों में जाकर रियलिटी चेक किया तो पुलिस की हकीकत सामने आ गई।

पांचों थानों की पुलिस ने मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया। सोमवार व मंगलवार को कविनगर, सिहानी गेट, नगर कोतवाली, कौशांबी और इंदिरापुरम थाने जाकर मोबाइल चोरी की घटना बताई गई तो पुलिस का यही रवैया देखने को मिला। आइए देखते हैं कहां की पुलिस ने मामले को क्या मोड़ देने की कोशिश की-

स्थान: थाना सिहानी गेट, समय: मंगलवार दोपहर 12:45 बजे
रिपोर्टर: मेरा फोन चोरी हो गया है। तहरीर लीजिए।
पुलिसकर्मी: अरे! ये क्या फालतू की चीज लिखकर लाए हो, कहां से चोरी हुआ।
रिपोर्टर: पुराना बस अड्डा के पास से किया गया है।
पुलिसकर्मी: तुम्हारी जेब से निकाल लिया तो यह चोरी नहीं हैं। यह तुम्हारी लापरवाही है।
रिपार्टर: अब तहरीर में क्या लिखूं।
पुलिसकर्मी: इसमें ये लिखो कि मैं बस अड्डे पर जा रहा था और मेरा फोन गिर गया।

स्थान: नगर कोतवाली, समय: मंगलवार दोपहर 1:20 बजे
रिपोर्टर: मेरा फोन चोरी हो गया है। जेब में रखा था। रिपोर्ट लिखानी है।
पुलिसकर्मी: मोबाइल चोरी कर लिया, क्या मतलब। अगर आपके जेब से कोई कुछ निकालेगा तो क्या आपको पता नहीं चलेगा।
रिपोर्टर: पता ही नहीं चला।
पुलिसकर्मी: अरे आपको कोई टच करेगा तो आपको पता नहीं चलेगा क्या।
रिपोर्टर: जब नहीं पता चला तो अब सॉल्यूशन तो बताइए ना।
पुलिसकर्मी: लिख दो कि गुम हो गया है।
स्थान: थाना कविनगर, समय: मंगलवार दोपहर 1:55 बजे
रिपोर्टर: आरडीसी से मेरा फोन चोरी हो गया है। रिपोर्ट लिखानी है।
पुलिसकर्मी: लो, इनका फोन चोरी हो गया। कैसे चोरी हो गया।
रिपोर्टर: दो फोन थे। किसी ने एक निकाल लिया।
पुलिसकर्मी: यार तुम बताओ कोई फोन कैसे निकाल लेगा।
रिपार्टर: तो भैया क्या करें अब।
पुलिसकर्मी: मैं आपसे एक बात कह रहा हूं कि कोई तुम्हारा फोन कैसे चोरी कर लेगा। मोबाइल गुम होना लिखकर लाओ।

स्थान: कौशांबी थाना, समय: बुधवार दोपहर 02.10 बजे
रिपोर्टर: मेरा मोबाइल चोरी हो गया है, शिकायत लिखानी है।
पुलिसकर्मी: मोबाइल गिर गया है। ये तो चोरी थोड़ी हुआ है।
रिपोर्टर: ऑटो में बैठा हुआ था। मैं मोहननगर से बैठा था दिल्ली आने के लिए, डाबर तिराहे तक मेरी जेब में था मोबाइल। इसके बाद मोबाइल चोरी हो गया। मैंने ऑटो वाले से भी पूछा मोबाइल के बारे में।
पुलिसकर्मी (हंसते हुए): हो सकता है तेरा मोबाइल गिर गया हो, हमारे भी फोन निकलते हैं, तू ऑटो से भी तो उतरा होगा।
रिपोर्टर: नहीं भैया, मेरा मोबाइल चोरी हुआ है, गिरा नहीं है।
पुलिसकर्मी: मोहननगर से बैठा था तो साहिबाबाद थाने में रिपोर्ट लिखा जाकर।
रिपोर्टर: मेरा मोबाइल डाबर तिराहे से आगे ऑटो में चोरी हुआ है
पुलिसकर्मी: मोबाइल गुम होने की रिपोर्ट लिखकर दे।

स्थान: थाना इंदिरापुरम, समय: बुधवार दोपहर 2. 30 बजे
रिपोर्टर: मेरा मोबाइल चोरी हो गया है। ऑटो से आ रही थी मैं, तीन-चार लड़के बैठे थे। वसुंधरा आकर ऑटो वाले को पैसे दिए तो मेरे बैग से मोबाइल चोरी हो गया था।
पुलिसकर्मी: ठीक है मोबाइल निकलने की शिकायत लिखकर दे दो।
रिपोर्टर: सर, मोबाइल चोरी हुआ, निकला नहीं है।
पुलिसकर्मी: बैग से निकला है मोबाइल, तभी तो चोरी हुआ है। शिकायत में सभी डिटेल लिखकर दो। ऑटो का नंबर भी लिख देना। अगर तुम्हें मालूम है तो।

“मोबाइल, पर्स या दस्तावेज चोरी या गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने जाने की जरूरत ही नहीं है। घर बैठे यूपीकॉप एप के जरिए रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। थानों में इस तरह की कोई शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”साभार-अमर उजाला
-निपुण अग्रवाल, एसपी सिटी

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