केंद्र व किसान के बीच पांचवें दौर की वार्ता: सरकार के संशोधन के प्रस्‍ताव को किसानों ने ठुकराया, कहा- बहुत चर्चा हुई अब ठोस जवाब चाहिए

किसानों के आंदोलन को लेकर किसानों और केंद्र के बीच पांचवें दौर की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में किसानों के 40 प्रतिनिधि व कृषि मंत्री वाणिज्‍य मंत्री के अलावा कृषि मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हैं।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल व केंद्र के बीच  विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। इसमें किसानों की ओर से 40 प्रतिनिधि व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा पंजाब से सांसद व राज्‍य वित्‍त मंत्री सोम प्रकाश व कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। ये किसान संसद के मानसून सत्र में पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं।  किसानों ने यहां तक कहा है कि वे इसमें संशोधन नहीं बल्‍कि पूरी तरह वापसी चाहते हैं।

बैठक में जारी चर्चा के दौरान किसान कानून को रद करने की मांग पर अड़ गए। सरकार की ओर से कानूनों में संशोधन का प्रस्‍ताव दिया गया जिसे किसानों की ओर से ठुकरा दिया गया। किसान की ओर से बैठक में शामिल प्रतिनिधिमंडल ने स्‍पष्‍ट कहा कि इस मामले में काफी चर्चा हो गई है हमें लिखित जवाब चाहिए। बैठक के लिए विज्ञान भवन आने वाले किसानों का प्रतिनिधिमंडल अपने साथ खाना लेकर आया।

जानें अब तक के अपडेट-

– जमूरी किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी कुलवंत सिंह संधू ने कहा, ‘कनाडा के संसद में यह मामला उठा और वहां के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को पत्र लिखा। यदि वहां के संसद में इसपर चर्चा हो सकती है तो यहां के संसद में क्‍यों नहीं।’

– किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता जारी है। सरकार की ओर से बैठक की मुख्‍य बातों का लिखित जवाब दे दिया गया है। बैठक के बीच अभी 15 मिनट का ब्रेक लिया गया।

– किसानों ने कहा कि उन्‍हें अपनी मांग के लिए समाधान/प्रतिबद्धता की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि वे आगे इसपर चर्चा नहीं चाहते हैं। इसके अलावा किसानों ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार के फैसले को जानना चाहते हैं।

– बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई।

– आजाद किसान संघर्ष कमिटी के प्रदेश अध्‍यक्ष हरजिंदर सिंह टांडा (Harjinder Singh Tanda) ने कहा, ‘हम कानूनों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आंदोलन जारी रखेंगे।

– इसके लिए सिंघु (Singhu) बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेताओं की बस विज्ञान भवन पहुंची। एक किसान नेता ने कहा, ‘ये कानून रद होने चाहिए। यदि वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत बंद (8 दिसंबर को) किया जाएगा।’

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर इसी मुद्दे पर बातचीत के लिए अहम केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्‍चस्‍तरीय बैठक संपन्‍न हो गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह ( Union ministers Amit Shah), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए।

किसानों से कृषि मंत्री को है ये उम्‍मीद

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘आज दोपहर दो बजे किसानों के साथ बैठक होगी। मैं काफी आशान्‍वित हूं कि किसान सकारात्‍मक सोचेंगे और अपना आंदोलन खत्‍म करेंगे।’  किसान संयुक्‍त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा, ‘आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद करने के लिए ही बात होगी।’

कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं किसान

इससे पहले गुरुवार को विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार की वार्ता हुई थी लेकिन कोई निष्‍कर्ष नहीं निकाला जा सकता था। हालांकि किसानों की कुछ मांगों को लेकर केंद्र सरकार ने सहमति जताई थी। इस क्रम में आज होने वाली बैठक दोपहर दो बजे से शुरू हो गई है। मानसून सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है।  सरकार ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ये तीनों कानून किसानों के लिए बेहतर मौके लाएंगे। साभार-दैनिक जागरण

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