महाराष्ट्र के 35 गांवों में चल रहा है ये बोलता स्कूल – जिनके पास स्मार्टफोन-इंटरनेट की सुविधा नहीं, आते हैं ‘स्पीकर टीचर’,

महाराष्ट्र। पालघर जिले के जव्हार और मोखाडा तहसील के 35 गांवों में ‘बोलता स्कूल’ शुरू किया गया है। अब तक इन गांवों के करीब 1200 बच्चे इससे जुड़ चुके हैं। इसे शुरू किया है दिगंत स्वराज फाउंडेशन ने। फाउंडेशन के डायरेक्टर राहुल टिवरेकर ने बताया कि ‘लॉकडाउन में हम इस आदिवासी बहुल इलाके में खाने-पीने का सामान और दवाइयां देने आते थे। इस दौरान कई लोग अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान दिखे। हमारे पास इतने संसाधन नहीं थे कि इनके लिए स्मार्टफोन और इंटरनेट का इंतजाम करते। इसी दौरान ये आइडिया आया कि क्यों न माइक और लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाया जाए।’

रोज सुबह ढाई घंटे चलता है स्कूल-

‘स्पीकर टीचर’ पहली से आठवीं तक के बच्चों को रोज सुबह आठ बजे पढ़ाने आते हैं। रोज ढाई घंटे क्लास चलती है। दिगंत स्वराज फाउंडेशन स्कूल टीचर्स से मदद लेकर सिलेबस के मुताबिक स्टडी मटेरियल रिकॉर्ड करवाता है। सुबह-सुबह फाउंडेशन के वॉलेंटियर इन गांवों में जाकर किसी खुली जगह पर ब्लूटूथ स्पीकर से कोर्स पढ़ाते हैं।

शुरुआत में कम बच्चे आते थे। धीरे-धीरे बच्चों की दिलचस्पी बढ़ी। अब काफी बच्चे पढ़ाई करने आ रहे हैं। इस पूरी पढ़ाई के दौरान एक सहायक भी मौजूद रहता है। कोई बात नहीं समझ में आने पर बच्चे इनसे सवाल कर सकते हैं। या ऑडियो दोबारा सुनने के लिए रिवर्स करवा सकते हैं।

दूसरे जिलों में आइडिया अपनाया जाने लगा-

राहुल बताते हैं कि इस ‘बोलता स्कूल’ की सफलता के बाद दूसरे जिलों के कई स्वयंसेवी संगठनों ने हमसे संपर्क किया। इस वक्त नासिक और सतारा जिले के कई गांवों में भी इस तरह के स्कूल अलग-अलग संगठन चला रहे हैं। यहां तक की मुंबई समेत कई शहरों की झुग्गी बस्तियों में भी इस स्कूल की मांग की जा रही है। राहुल कहते हैं कि हम भी ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक बोलता स्कूल पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version