कोरोना संकट की वजह से देश में डॉकडाउन जारी है। ऐसे में लोग अपने घरों में बैठकर काम कर रहे हैं। इस वजह से वीडियो कॉल और कॉन कॉल का यूज बढ़ गया है। इसी दौरान जूम (Zoom) विडियो कांफ्रेंसिंग ऐप का भी लोग खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने #Zoom ऐप के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने कहा कि ये ऐप सुरक्षित नहीं है, लोग इसका इस्तेमाल सावधानी से करें।
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सरकार ने पहले भी 6 फरवरी और 30 मार्च को इसको लेकर जानकारी दी थी, ऐसे में इसके इस्तेमाल में सतर्कता बरतें। मंत्रालय ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर रहा है तो कुछ जरूरी बातों का खयाल रखें और पासवर्ड बदलते रहें। वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल में भी किसी को अनुमति देने से पहले सावधानी बरतें।
गृह मंत्रालय ने Zoom ऐप यूज करने के दौरान सतर्कता बरतने के लिए जो सुझाव दिए हैं, वो इस प्रकार हैं-
- हर मीटिंग के लिए नई यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- ज्वाइन ऑप्शन को डिसऐबल कर दें।
- वेटिंग रूम को एनेबल करें, ताकि कोई अन्य यूजर तभी कॉल में शामिल हो सके जब कॉन्फ्रेंस करने वाला अनुमति दे।
- स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास हो।
- फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन का कम इस्तेमाल करें
- किसी व्यक्ति के लिए रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखें।
लाखों लोगों का डेटा बेचा जा रहा
गौरतलब है कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर में तेजी से Zoom यूजर्स बढ़े और अब प्राइवेसी को लेकर बड़ी समस्या आने लगी है। ब्लीडिंग कंप्यूटर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा Zoom अकाउंट को डार्क वेब में बेचा जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि लाखों लोगों का डेटा यहां सस्ते में बेचा जा रहा है। कई जगहों पर Zoom यूजर्स का डेटा तो फ्री में ही दिया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक Zoom यूजर्स को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है कि उनका डेटा बेचा जा रहा है। इनमें यूजरनेम, पासवर्ड और यूजर द्वारा दर्ज की कई जानकारियां शामिल हैं।
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