यूपी : प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा में सरकार ने किये है गुणात्मक सुधार

यूपी। शिक्षा के क्षेत्र में प्राविधिक, तकनीकी, मेडिकल, कला, कामर्स आदि क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की नींव माध्यमिक शिक्षा से ही पड़ती है। यूपी सरकार ने छात्र-छात्राओं को विविध क्षेत्रों में शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से गुणात्मक सुधार किया है। प्रदेश के समस्त इण्टर कालेजों में शिक्षा में हुए इस सुधार से लाखों छात्र-छात्रायें अपना भविष्य बना रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षा मेें कागजी कार्यवाही से होने वाली कमियों को दूर करते हुए प्रदेश सरकार ने बोर्ड की परीक्षा सम्पादन एवं अन्य कार्यो में सुधार के लिए ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण की व्यवस्था की है। इससे परीक्षा केन्द्र बनाने में पारदर्शिता, के साथ स्वच्छ छवि के विद्यालयों को ही वरीयता दी जाती है। इसी के साथ छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी आनलाइन कर दिया गया है। इससे वास्तविक परीक्षार्थी ही परीक्षा दे सकेगें। सरकार ने इण्टर कालेजो की मान्यता तथा डुप्लीकेट अंकपत्र व प्रमाण पत्र भी आनलाइन कर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। समस्त अभिलेखों के आनलाइन हो जाने से डुप्लीकेसी नहीं होगी। सरकार की इस नीति से केन्द्र निर्धारण प्रक्रिया पारदर्शी व तार्किक बनी और केन्द्रों के धारण क्षमता का पूर्ण उपयोग करते हुए निरीक्षण परीक्षण में प्रभावी अंकुश लगा।

प्रदेश सरकार ने बोर्ड की परीक्षा में नकल के सभी आयामों-सामूहिक नकल, साल्बर के माध्यम से परीक्षा, डुप्लीकेट काॅपी, निरीक्षकों द्वारा बोलकर लिखवाना आदि पर एक साथ अंकुश लगाने से नकल कर पास होने वाले लाखों परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। सरकार ने नकल की सम्भावनाओं को रोकने के लिए वाॅयस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों, क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था तथा कक्षा 09 व 11 के विद्यार्थियों का आधार कार्ड लिंक कराकर अग्रिम पंजीकरण कराने की व्यवस्था की है।

इस व्यवस्था से जिस स्कूल में कक्षा 9 व 11 में जो छात्र पढ़ रहे थे, वही बोर्ड की परीक्षा में बैठे। शैक्षिक गुणवत्ता एवं उन्नयन हेतु प्रदेश सरकार ने एनसीईआरटी नई दिल्ली द्वारा निर्धारित हाईस्कूल स्तर पर गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान विषय और इण्टर मीडिएट स्तर पर 09 विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव-विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, समाज शास्त्र, की पाठ्यपुस्तकों को अंगीकृत करते हुए पठन-पाठन करा रही है।

एनसीआरटी की इन विषयों की पुस्तकों को प्रदेश सरकार ने 66 प्रतिशत कम मूल्य पर मुद्रित कराकर उपलब्ध कराई है। सरकार ने रोजगार परक एवं तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास हेतु व्यावसायिक शिक्षा आटोमोबाइल, रिटेल, सिक्योरिटी, आईटी पाठ्यक्रम को भी शिक्षा में शामिल किया है।

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