बिहार में अब मनचलों की खैर नहीं, सबक सिखाने के लिए ‘शेरनी’ दस्ता तैयार

पटना। बिहार में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने अब एक अनोखी पहल की है। बिहार के कैमूर जिले में एक विशेष महिला पुलिस दस्ता का गठन किया गया है।

पुलिस ट्रेनिंग के साथ जूडो कराटे में माहिर है शेरनी दस्ता

इसका मुख्य उद्देश्य उन मनचलों पर नकेल कसना है जो स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और भद्दी फब्तियां कसते हैं। कैमूर राज्य का पहला जिला है, जहां इस विशेष महिला पुलिस दस्ते का गठन किया गया है। इसे ‘शेरनी’ नाम दिया गया है। शेरनी दस्ता में 30 महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो पुलिस ट्रेनिंग के साथ-साथ जूडो और कराटे में भी माहिर हैं। यह महिला पुलिसकर्मी 2018 बैच की पास आउट हैं और ट्रेनिंग के बाद यह उनकी पहली पोस्टिंग है।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाया कदम

दरअसल, कैमूर जिले में पिछले कुछ दिनों में महिलाओं के खिलाफ छेड़खानी की काफी घटनाओं की शिकायत पुलिस को मिल रही थी। इस साल के पहले 6 महीने में कैमूर में 15 बलात्कार और 42 छेड़छाड़ की घटनाएं पुलिस के द्वारा दर्ज की गई। इन्हीं शिकायतों को देखते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक दिलनवाज खान ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक विशेष महिला दस्ते के गठन की कल्पना की।

छेड़खानी की शिकायतों में कमी

कैमूर पुलिस अधीक्षक दिलनवाज खान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से छेड़खानी की काफी शिकायतें मिल रही थीं। जिसके बाद महिला पुलिस दस्ते का गठन किया गया। यह दस्ता अन्य पुलिस कार्य के साथ-साथ मनचलों के खिलाफ भी कार्य करता है। पिछले कुछ दिनों में छेड़खानी की शिकायत काफी कम हो गई हैं।

सादी वर्दी में निगरानी करता है शेरनी दस्ता

इस विशेष महिला दस्ते में शामिल होने के लिए तकरीबन 90 महिला पुलिसकर्मी योग्य थीं, जिनमें से 30 का चयन किया गया। शेरनी दस्ता के सदस्य प्रतिदिन पुलिस वर्दी में नहीं बल्कि सिविल कपड़ों में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के बाहर तैनात रहती हैं और मनचलों पर नजर रखती हैं। शेरनी दस्ता की एक महिला ने कहा कि हम लोग स्कूल और कॉलेज के बाहर तैनात रहते हैं और मनचलों पर नजर रखते हैं। इस दस्ते में शामिल सभी लड़कियां पुलिस ट्रेनिंग के साथ-साथ कराटे भी जानती हैं।

22 अक्टूबर को किया गया शेरनी दस्ते का गठन

22 अक्टूबर को जिस दिन शेरनी दस्ते का गठन किया गया उसी दिन उन्हें बड़ी कामयाबी मिली। स्कूल और कॉलेज के बाहर से 3 मनचलों को पकड़ा गया। पिछले 15 दिनों में इसका असर यह हुआ है कि जिला मुख्यालय भभुआ में अचानक से छेड़खानी की घटनाएं लगभग बंद हो गई हैं। जिस तरीके से शेरनी दस्ते का प्रचार-प्रसार भी हो रहा है उसके बाद से शहर के मनचलों के हौसले पस्त हो गए हैं।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version