नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट, अयोध्या मामले में बुधवार को आखिरी सुनवाई करेगा। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एक हिन्दू पक्ष ने दलील दी कि भारत विजय के बाद मुगल शासक बाबर द्वारा करीब 433 साल पहले अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर ‘ऐतिहासिक भूल’ की गयी थी और अब उसे सुधारने की आवश्यकता है। अयोध्या मामले अभी तक 39 दिन सुनवाई चली है। बता दें, सीजेआई रंजन गोगोई ने उम्मीद जताई थी कि 17 अक्टूबर तक इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली जाएगी और 17 नवंबर को अयोध्या मसले पर फैसला सुना दिया जाएगा। 17 नवंबर को ही सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं।
- अयोध्या में हालही में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निषेधाज्ञा दस दिसंबर तक लागू रहेगी।
- निषेधाज्ञा का आदेश अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने कहा था, ‘अयोध्या और यहां आने वालों की सुरक्षा तथा संरक्षा को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किया गया है।
- साथ ही उन्होंने आगे कहा है ‘मैं यह भी कहना चाहूंगा कि 31 अगस्त 2019 से यहां एक और आदेश लागू है जो गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और अवांछित गतिविधियों के बारे में है। 12 अक्टूबर 2019 को जारी आदेश उन बिंदुओं के सिलसिले में है जो पूर्व के आदेश में नहीं थे।’
- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की मांग की गई है। झा ने पीटीआई भाषा को बताया कि आदेश में ड्रोन आदि से अयोध्या के अंदर शूटिंग करने या फिल्म बनाने पर भी रोक लगाई गई है। दीपावली के अवसर पर मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना पटाखों की खरीदी या बिक्री की इजाजत नहीं होगी।
- धारा 144 के तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक होती है तथा पुलिस पर दंगा फैलाने के आरोप में मामला दर्ज करने का अधिकार होता है।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है। पीठ ने इस मामले में न्यायालय की कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और इसके लिए 17 अक्टूबर की सीमा तय की है।
- इस महीने की शुरुआत में न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक त्योहारों और राम जन्मभूमि मुद्दे पर अदालत का फैसला जल्द आने के मद्देनजर अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है और दस अतिरिक्त कंपनियों को शहर में तैनात किया जा रहा है।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है. उच्च न्यायालय ने अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि को तीन पक्षों… सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा तथा राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था।
- अयोध्या मामले का मध्यस्थता के माध्यम से सर्वमान्य समाधान खोजने का प्रयास विफल हो जाने के बाद संविधान पीठ से छह अगस्त से इन अपीलों पर रोजना सुनवाई कर रही है।
- पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं।
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