जाकिर नाईक पर मलेशिया सरकार ने कसा शिकंजा, भाषण देने पर लगाई पाबंदी

विवादित इस्लामिक धर्म उपदेशक ज़ाकिर नाइक के धार्मिक उपदेशों पर पाबन्दी लगाने वाला मेलाका मलेशिया का सातवां राज्य बन गया है। मलेशियाई सरकार ने पहले उन्हें नस्लीय राजनीति में भाग लेने की इजाजत नहीं दी थी और अब यह कदम उठाया गया है।

मेलाका के मुख्यमंत्री अदली ज़हरी ने रविवार को कहा कि ज़ाकिर नाइक पर राज्य में किसी भी तरह की धार्मिक बातचीत करने पर पाबन्दी लगा दी गयी है। राज्य सरकार ने कहा कि हम इस मुद्दे से बचना चाहते हैं क्योंकि यह हमारे रिश्तों पर असर डाल सकता है। श्री ज़हरी ने कहा,“हम बेहतर रिश्ते बनाये रखना चाहते हैं, इसलिए हमने ज़ाकिर के किसी भी तरह के धार्मिक बातचीत या उपदेश पर पाबंदी लगा दी है।”

मेलाका के अलावा छह अन्य राज्यों जोहोर, सेलंगोर, पेनांग, केदाह, पर्लिस और सरवाक ने सार्वजनिक रूप से ज़ाकिर नाइक के धार्मिक उपदेशों पर पाबंदी लगा रखी है। इस क्रम में मेलका सातवा राज्य है। केदाह, पेनांग और जोहोर राज्य ने सबसे पहले ज़ाकिर के धार्मिक उपदेशों पर पाबंदी लगायी थी।

मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने 16 अगस्त को कहा था कि सरकार यदि जांच में जाकिर के उपदेशों में देश में धार्मिक नफरत जैसा कुछ पाया गया तो उनके स्थायी निवासी दजेर् को ख़त्म कर दिया जाएगा। जाकिर को वर्ष 2015 में स्थायी निवासी का दजार् मिला था। उल्लेखनीय है कि ज़ाकिर नाइक को भारत सरकार ने आपराधिक भगोड़ा घोषित कर दिया था जिसके बाद वह मलेशिया में शरण लिए हुए है। उस पर काले धन को वैध बनाने का आरोप है। इससे पहले मलेशिया के अधिकारियों ने पिछले वर्ष भारत के अनुरोध के बावजूद जाकिर के प्रत्यर्पण से इन्कार कर दिया था।

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