ईरान को ट्रंप की सख्त चेतावनी: “परमाणु हथियार का सपना भूल जाओ, नहीं तो हमला झेलने को तैयार रहो”

अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर बढ़ता तनाव एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान को खुली चेतावनी दी कि अगर उसने परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि ईरान को परमाणु हथियार का “सपना भी नहीं देखना चाहिए”, और अगर वह ऐसा करता है, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
“तेहरान को अपने परमाणु सपनों को छोड़ना होगा”
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा,
“ईरान हमें बहका रहा है। वे जानबूझकर परमाणु समझौते में देरी कर रहे हैं। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार की दिशा में एक भी कदम बढ़ाया, तो उनके परमाणु ठिकानों पर हमला करना हमारी मजबूरी होगी।”
ट्रंप ने आगे कहा कि वह ईरान को एक समृद्ध और शक्तिशाली देश के रूप में देखना चाहते हैं, लेकिन “कट्टरपंथियों” के हाथों में परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ईरान अब उस स्थिति के बहुत करीब है, जहां वह परमाणु हथियार बना सकता है – और यह अमेरिका के लिए अस्वीकार्य है।
कूटनीतिक प्रयास जारी: रोम में अगली वार्ता
इन बयानों के बीच कूटनीतिक प्रयास भी जारी हैं। इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने जानकारी दी कि ओमान के आग्रह पर, जो मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, इटली ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। तजानी ने कहा,
“इटली हमेशा शांति और स्थिरता की दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करता रहा है।”
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे पर अगला वार्ता दौर इस शनिवार को रोम में आयोजित होगा। इससे पहले, बीते शनिवार को मस्कट (ओमान) में अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकाफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची के बीच पहले चरण की वार्ता हुई थी, जिसे दोनों पक्षों ने “सकारात्मक” बताया था।
ओमान की भूमिका बनी अहम
ओमान इस संकट में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, ओमान की तटस्थ विदेश नीति और दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध इस वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि रोम में होने वाली वार्ता क्या वाकई इस विवाद को हल करने में सफल होती है या ट्रंप की चेतावनी किसी बड़े टकराव की शुरुआत बनती है।
नजरें अब शनिवार की वार्ता पर
इस समय पूरी दुनिया की निगाहें रोम में होने वाली अगली बातचीत पर टिकी हैं। क्या कूटनीति काम करेगी या फिर वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनातनी किसी खतरनाक मोड़ पर पहुंच जाएगी – इसका फैसला आने वाले दिनों में होगा।
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