जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्र नेता और वहाँ के छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें पोस्ट की थीं। भारतीय सेना ने शेहला रशीद के दावों को खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया है। भारतीय सेना के बयान के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहल रशीद पर फर्जी खबरें पोस्ट करने का आरोप लगाते हुए आपराधिक मामला दर्ज करने के साथ गिरफ्तारी की मांग की है।
जेनएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने रविवार को कश्मीर के हालत को लेकर सिलसिलेवार ढंग से 10 ट्वीट किए थे। अपने पोस्ट में उन्होंने दावा किया था कि घाटी के मौजूदा हालात बहुत खराब हो गए हैं। शेहला रशीद ने लिखा था कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने उन्हें बताया कि पुलिस के पास कानून-व्यवस्था का कोई अधिकारी मौजूद नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस समय कश्मीर में सब कुछ पैरामिलिट्री फोर्स के हाथों में है। रशीद ने लिखा कि एक एसएचओ का ट्रांसफर केवल इसलिए कर दिया गया क्योंकि उसकी एक सीआरपीएफ के जवान ने शिकायत कर दी थी। इतना ही नहीं शेहला ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि सुरक्षा बल रात में घर में घुसते हैं और लड़कों को उठाकर ले जाते हैं। शेहला रशीद ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि शोपिया के आर्मी कैंप में चार लोगों को ले जाकर पूछताछ के नाम पर टॉर्चर किया गया।
शेहला के सभी दावों को खारिज करते हुए भारतीय सेना ने इन बातों को बेबुनियाद बताया है। सेना ने कहा है कि ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा कश्मीर की आवाम द्वारा लोगों को भड़काने के लिए फैलाई जा रही है।
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