माफी से कम कुछ भी नहीं – आज़म खान के खिलाफ सांसदों ने की एकमत से मांग

समाजवादी नेता आजम खान के लोकसभा में कल दिए बयान पर हंगामा जारी है। बीजेपी नेताओं ने आजम खान से माफी मांग की है। बीजेपी नेता स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने आजम खान के निलंबन की मांग की है। बीजेपी के साथ कई अन्य दलों के सदस्यों ने भी आजम खान के बयान का विरोध किया है। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वे महिलाओं के अपमान का विरोध करते हैं। चौधरी ने इस मामले को संसदीय कमेटी को भेजने की मांग की।

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा, ‘मेरे सात साल के संसदीय कार्यकाल में आज तक किसी पुरुष ने सदन में इस तरह की हिमाकत नहीं की। यह विषय महिला का नहीं है। इस सदन में और दूसरे सदन में भी कई पुरुषों ने अपने सामाजिक, राजनीतिक कार्यकाल में महिलाओं के संरक्षण के लिए आवाज उठाई है। यह महिला नहीं, पुरुषों का भी अपमान है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ऐसा सदन नहीं कि जहां पुरुष किसी महिला की आंखों में झांकने के लिए आते हैं। यह पूरा देश ने देखा है कि कैसे यह सदन शर्मसार हुआ। इस सदन में बातचीत प्रिविलेज होती है, अगर महिला के साथ ऐसी बदतमीजी सदन के बाहर होती, तो वह पुलिस का संरक्षण मांगती। हम चुपचाप बैठकर मूकदर्शक नहीं बन सकते।

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी विरोध जताते हुए कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा, ‘माननीय रमा जी वरिष्ठ और सुलझी हुई नेता हैं। वह अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी थीं। उनके खिलाफ जो टिप्पणी की गई वह इतने शर्मिंदगी भरे थे कि बोल नहीं सकता हूं। आजम को या तो माफी मांगें या फिर उनको सदन से अंदर आने पर सस्पेंड किया जाए।

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लगभग पूरे सदन ने बयान की निंदा की है। जो शब्द उन्होंने (आजम खान) ने कहे हम उन्हें दोहराना भी नहीं चाहेंगे। पूरे देश ने जो यहां हुआ, वह देखा। मैं हर उस सदस्य की आभारी हूं, जो इसके विरोध में खड़ा हुआ। यह सिर्फ महिला का अपमान नहीं बल्कि उस महिला का भी अपमान है, जो स्पीकर की भूमिका में है। महिलाओं से जुड़े एक मुद्दे का भी राजनीतिकरण करने की कोशिश की गई है, जबकि सभी इसके विरोध में खड़ा होना चाहिए था। इसका विरोध करने में असमंजस की स्थिति क्यों है?

वहीं लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह इस घटना का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन जिनके खिलाफ शिकायत है, उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए। बीजेपी सांसदों ने इस पर जबर्दस्त हंगामा किया। चौधरी ने कहा कि एथिक्स कमिटी इस पर विचार कर सकती है।

बीजेपी के साथ टीएमसी, डीएमके समेत कई अन्य दलों ने आजम खान के बयान का विरोध किया। टीएमसी सांसद मिमि चक्रवर्ती ने कहा कि पार्टियों से वैचारिक तौर पर मतभेद हो सकता है, लेकिन महिलाओं के सम्मान पर पूरे सदन करे एकजुट होना चाहिए।

बंदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने कहा, ‘कल जो सदन में हुआ है, हमारे की बीच के एक सांसद, जो पीठासीन अधिकारी के रूप में सदन में बैठी थीं, उन पर अशोभीय कॉमेंट किया गया। आजम खान को इसके लिए माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने इस्तीफे के बात की है, हमें इस्तीफा नहीं, उनकी माफी चाहिए। उन्हें माफी मांगनी होगी।

तृणमलू कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘जो महिला का सम्मान नहीं जानता, वह देश की संस्कृति नहीं जानता है। जब लक्ष्मण जब राम के साथ वनवास में थे, तो उन्होंने कभी भी सीता जी का मुंह नहीं देखा। वह सीताजी के पांव देखते थे। जो बोला गया, वह अच्छा नहीं है। यह महिलाओं की भावनाओं को आहत करने वाला है। माता को देखा, बहन भी, जब लड़की पैदा हुई, तो अहसास हुआ कि बेटी क्या है। कोई बेटी, बहन को अपमान करेगा, तो मैं इसे सहन करने वाला आखिर इंसान होऊंगा।’

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