लोकसभा में आज (बृहस्पतिवार) तीन तलाक को अपराध बनाने वाले बिल पर चर्चा हो रही है, इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा राज्यसभा में आज RTI संशोधन बिल पेश कर दिया गया, जिसके खिलाफ विपक्ष सदन में विरोध जता रहा है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल RTI बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग पर अड़े हैं।
लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुझे लग रहा था कि ऐसे मामले रुकेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोर्ट की कड़ी टिप्पणी और कानून के बाद भी यह मामले रुके नहीं है। कोर्ट के फैसेल के बाद भी तीन सौ से अधिक मामले आए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तलाक पर कानून बनाया है तो भारत में ये क्यों कानून नहीं बनाया जा सकता है। कानून मंत्री ने बताया कि हमने विपक्ष की सभी मांगे मान ली हैं और बिल में संशोधन कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा को बताया कि यूपी में अब तक 74 मामले तीन तलाक के सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं यूपी सरकार को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने ऐसे मामले पर चार्जशीट दायर की और इस तरह के मामले पर रोक लगाने की पूरी कोशिश की।
वहीं तीन तलाक बिल पर एआईएमआईएम के सांसद असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में नहीं है। इस्लाम में 9 तरह के तलाक होते हैं। इस कानून के अनुसार अगर आप शौहद को गिरफ्तार करेंगे तो खातून को मेंटेनेंस कौन देगा। शौहद जेल में बैठकर मेंटेनेंस कैसे देगा? इस बिल में तीन तलाक को अपराध बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का साथ नहीं होता है। केवल एक कांन्ट्रैक्ट होता है। एक जिंदगी के लिए। हम उसमें खुश हैं। इसकी तकलीफ सबको मालूम है। तभी सदन में बैठे सभी लोग हंस रहे हैं।
लोकसभा में बहस के दौरान आजम खान की बातों पर हंगामा मच गया। उन्होंने महिला स्पीकर रामा देवी पर कमेंट कर दिए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 19 साल के उनके सदन के अनुभव में आज तक किसी भी सदस्य ने अध्यक्ष पद पर बैठे किसी सदस्य से, विशेषतौर पर महिला सदस्य के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया है।
उधर, एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने तीन तलाक बिल का विरोध किया है। जेडीयू के नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि तीन तलाक बिल समाज के एक खास वर्ग के मन में अविश्वास की भावना पैदा करेगा। तलाक को कोई भी पसंद नहीं करेगा, आपको कानून बनाने के बजाए उस समुदाय के लिए जन-जागृति पैदा करना चाहिए।
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