गाजा में संघर्ष विराम के बावजूद हिंसा जारी, इजराइल के भीषण हमले में 232 लोगों की मौत

गाजा में संघर्ष विराम लागू होने के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इजराइल ने एक बार फिर हमास के ठिकानों को निशाना बनाते हुए भीषण हवाई हमले किए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, इन हमलों में अब तक 232 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हमले को संघर्ष विराम के बाद का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
संघर्ष विराम के बावजूद हमला क्यों?
गाजा पर यह हमला तब हुआ जब 19 जनवरी को इजराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू किया गया था। इजराइली सेना का दावा है कि उन्होंने उन आतंकियों को निशाना बनाया, जो भविष्य में हमलों की योजना बना रहे थे।
गौरतलब है कि इजराइल ने पिछले दो हफ्तों से गाजा में भोजन, दवाइयों, ईंधन और अन्य जरूरी आपूर्ति पर रोक लगा दी थी और हमास पर संघर्ष विराम समझौते में बदलाव को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया था। हालांकि, इस मुद्दे पर कोई ठोस वार्ता नहीं हो सकी, जिसके बाद इजराइल ने यह हमला किया।
इजराइल की चेतावनी और हमास का आरोप
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि संघर्ष विराम को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही थी, इसलिए यह कार्रवाई करनी पड़ी। वहीं, इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बंधकों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो “गाजा में नरक के दरवाजे खोल दिए जाएंगे।”
दूसरी ओर, हमास ने इजराइल के हमलों को संघर्ष विराम का खुला उल्लंघन बताया और कहा कि इससे उनकी हिरासत में मौजूद इजराइली बंधकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
संघर्ष विराम की शर्तें और समझौते के चरण
इस संघर्ष विराम को तीन चरणों में लागू किया जाना था, जिसमें कैदियों की रिहाई और गाजा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शामिल थी।
पहला चरण (19 जनवरी – 1 मार्च)
इस दौरान युद्धविराम पूरी तरह लागू रहा।
हमास ने 33 इजराइली बंधकों को रिहा किया, जिनमें 8 शव भी शामिल थे।
बदले में इजराइल ने 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा।
दूसरा चरण (3 फरवरी से प्रस्तावित)
अगर संघर्ष विराम जारी रहता, तो बाकी 60 इजराइली बंधकों को रिहा किया जाता।
इजराइल 1,000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने के लिए तैयार था, जिनमें कई 15 साल से अधिक की सजा काट चुके कैदी भी शामिल थे।
तीसरा चरण (गाजा पुनर्निर्माण)
इसमें गाजा को दोबारा बसाने की योजना थी, जिसकी समय-सीमा 3 से 5 साल रखी गई थी।
साथ ही हमास के कब्जे में मारे गए बंधकों के शव भी लौटाए जाने थे।
आगे क्या होगा?
इस हमले के बाद संघर्ष विराम पर फिर से सवाल उठ खड़े हुए हैं। यह देखने वाली बात होगी कि क्या वार्ता फिर से शुरू होगी या इजराइल और हमास के बीच युद्ध और अधिक भड़क उठेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस स्थिति को शांत करने के लिए क्या प्रयास करता है, यह आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा।
फिलहाल, गाजा में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं, जहां आम नागरिक सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में, क्या शांति बहाल की जा सकेगी या फिर युद्ध का यह चक्र और अधिक हिंसक हो जाएगा, यह सवाल अब पूरी दुनिया के सामने खड़ा है।
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