सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की अंतरिक्ष से वापसी टली, नासा ने दी नई जानकारी

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी एक बार फिर टाल दी गई है। नासा ने तकनीकी खराबी के कारण इस मिशन को टालने का निर्णय लिया है।
वापसी में देरी का कारण
नासा ने जानकारी दी कि अंतरिक्ष में नए क्रू को भेजने के लिए चल रहा मिशन ‘क्रू-10’ तकनीकी समस्याओं के चलते स्थगित कर दिया गया है। यह मिशन ही सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को वापस पृथ्वी पर लाने के लिए महत्वपूर्ण था। अब इस मिशन की अगली लॉन्चिंग 17 मार्च को संभावित है, हालांकि यह तारीख भी मौसम और अन्य तकनीकी पहलुओं पर निर्भर करेगी।
9 महीने के अंतरिक्ष प्रवास का असर
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 9 महीने से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में हैं। इतनी लंबी अवधि तक भारहीनता में रहने के बाद, जब कोई भी अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटता है, तो उसे कई शारीरिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री लेरॉय चियाओ के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से फिर से तालमेल बैठाने में समय लगता है।
चियाओ ने बताया कि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण जब अंतरिक्ष यात्री वापस पृथ्वी पर आते हैं, तो वे असंतुलन महसूस करते हैं और सीधे खड़े रहने में कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, वे “बेबी फीट” विकसित कर लेते हैं। यानी कि पैरों के तलवों की त्वचा का मोटा हिस्सा, जो हमें सामान्य रूप से चलने में मदद करता है, वह अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण खत्म हो जाता है।
शरीर में क्या होंगे बदलाव?
गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बिठाने में दिक्कत – अंतरिक्ष में महीनों तक भारहीनता का अनुभव करने के बाद, गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बिठाने में कुछ समय लगता है।
संतुलन में कठिनाई – वापसी के बाद शरीर को संतुलन बनाए रखने में परेशानी हो सकती है।
बेबी फीट विकसित होना – अंतरिक्ष में रहते हुए पैरों की तलवों की कठोर त्वचा कम हो जाती है, जिससे वापस आने पर पैरों की त्वचा को फिर से कठोर होने में कुछ हफ्ते लगते हैं।
मांसपेशियों और हड्डियों पर असर – लंबी अवधि तक भारहीनता में रहने से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और हड्डियों का घनत्व भी कम हो सकता है।
स्पेस एक्स और नासा की तैयारी
स्पेस एक्स, जो कि एलन मस्क की कंपनी है, ने क्रू-10 मिशन की लॉन्चिंग की तैयारियों पर काम करना शुरू कर दिया था। हालांकि, तकनीकी समस्या की वजह से इसे फिर से टालना पड़ा। नासा के अनुसार, मिशन की नई लॉन्चिंग तिथि 17 मार्च तय की गई है, लेकिन यह मौसम और अन्य तकनीकी कारकों पर निर्भर करेगी।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। नासा और स्पेस एक्स उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। जैसे ही क्रू-10 सफलतापूर्वक लॉन्च होगा, उसके बाद ही उनकी वापसी संभव हो सकेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इतने लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद वे किस तरह से पृथ्वी की परिस्थितियों के अनुकूल होते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ये सभी प्रभाव अस्थायी हैं और कुछ हफ्तों के भीतर अंतरिक्ष यात्री सामान्य स्थिति में लौट आते हैं।
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