18 साल बाद एटीएस के हत्थे चढ़ा हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकी

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए 18 वर्षों से फरार चल रहे हिज्बुल मुजाहिदीन के एक कुख्यात आतंकी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर से की गई है। पकड़े गए आतंकी की पहचान उल्फत हुसैन उर्फ मोहम्मद सैफुल इस्लाम उर्फ अफजल उर्फ परवेज उर्फ हुसैन मलिक के रूप में हुई है। वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के फजलाबाद गांव का निवासी बताया जा रहा है।
मुरादाबाद में रच रहा था साजिश
उल्फत हुसैन हिज्बुल मुजाहिदीन का एक सक्रिय सदस्य रह चुका है। वर्ष 1999 से 2000 के दौरान उसने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ट्रेनिंग ली थी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह भारत लौटा और मुरादाबाद में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था। लेकिन इससे पहले ही मुरादाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
गिरफ्तारी के दौरान मिले थे घातक हथियार
जानकारी के अनुसार, जब पहली बार मुरादाबाद पुलिस ने उसे पकड़ा था, तो उसके पास से एके-47 राइफल समेत कई घातक हथियार और विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए थे। इस वजह से उसके खिलाफ मुरादाबाद के कटघर थाने में मामला दर्ज किया गया था।
फरारी के दौरान बना इनामी अपराधी
हालांकि, कुछ समय बाद उल्फत हुसैन पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया और पिछले 18 सालों से गुमनाम जिंदगी जी रहा था। इस दौरान उसकी तलाश जारी रही और मुरादाबाद अदालत ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।
एटीएस की जबरदस्त कार्रवाई
एटीएस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन चलाया और आखिरकार उल्फत हुसैन को धर दबोचा। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उसकी गिरफ्तारी से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं, जो आतंकवाद से जुड़ी साजिशों को नाकाम करने में मददगार साबित होंगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी कामयाबी
उत्तर प्रदेश एटीएस की यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लंबे समय से फरार चल रहे इस आतंकी की गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियों को हिज्बुल मुजाहिदीन के नेटवर्क और उनकी गतिविधियों के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं।
एटीएस की इस सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों के खिलाफ सतर्क और सक्रिय हैं। उल्फत हुसैन की गिरफ्तारी से हिज्बुल मुजाहिदीन की भारत में आतंकी गतिविधियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और इससे सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीतियों को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी।
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