महाराष्ट्र के मंत्री के बेटे का विमान से विदेश दौरा व अचानक पुणे वापसी

हाल ही में महाराष्ट्र के एक मंत्री के बेटे, ऋषिराज सावंत के विदेश दौरे ने अचानक मोड़ लिया, जब उनकी चार्टर्ड फ्लाइट को बीच रास्ते से ही वापस पुणे बुला लिया गया। यह घटना चर्चा का विषय बनी है, खासकर तब जब यह सामने आया कि उनके पिता, तानाजी सावंत, ने उनके अपहरण के आरोप में पुलिस में मामला दर्ज कराया। इस घटनाक्रम ने न केवल राज्य की राजनीति में हलचल मचाई, बल्कि विमानन और सुरक्षा प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाए हैं।
कैसे हुआ विदेश दौरा और अचानक वापस लौटना?
ऋषिराज सावंत ने दो दोस्तों के साथ गुप्त रूप से विदेश यात्रा करने के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट बुक की थी। उन्हें यह यात्रा बैंकॉक में व्यावसायिक कारणों से करनी थी, लेकिन किसी कारणवश उनकी यात्रा ने गंभीर मोड़ ले लिया। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब उनके परिवार के सदस्य को पता चला कि ऋषिराज बिना उनकी अनुमति के विदेश यात्रा कर रहे हैं। गुस्साए परिजनों ने तुरंत विमानन अधिकारियों से संपर्क किया और फ्लाइट को रद्द करने का आग्रह किया।
आश्चर्य की बात यह थी कि विमान के पायलटों ने शुरुआत में यह सूचना फर्जी समझी। हालांकि, विमानन अधिकारियों से पुष्टि के बाद, उन्होंने फ्लाइट को बैंकॉक की ओर न बढ़ते हुए पुणे की ओर मोड़ने का फैसला किया। विमान जब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऊपर से गुजर रहा था, तब उसे अचानक पुणे हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया। इस फैसले के बाद भी विमान में सवार यात्रियों को इस बदलाव के बारे में नहीं बताया गया, जिससे वे यह समझ ही नहीं पाए कि वे पुणे लौट रहे हैं।
एयरलाइन का निर्णय और नागरिक उड्डयन का हस्तक्षेप
एयरलाइंस अधिकारियों का कहना था कि पहले तो उन्हें इस बदलाव के बारे में संदेह हुआ, क्योंकि इस तरह की फोन कॉल्स अक्सर फर्जी हो सकती हैं। लेकिन जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से पुष्टि हुई कि यह एक अपहरण का मामला है, तो एयरलाइंस ने उड़ान को बीच रास्ते से पुणे लौटाने का निर्णय लिया। यह कदम शायद अपनी तरह का पहला था, जहां एक आपराधिक मामले के आधार पर उड़ान को बीच में रोक दिया गया।
ऋषिराज का विरोध और हंगामा
जब ऋषिराज सावंत को बैंकॉक के बजाय पुणे में लैंडिंग का पता चला, तो उन्होंने विमान में हंगामा करना शुरू कर दिया। हालांकि, विमान की सुरक्षा टीम, जिसमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान भी शामिल थे, ने तुरंत स्थिति को संभाला और तीनों यात्रियों को विमान से उतार लिया। ऋषिराज ने पायलट से सवाल किया कि ऐसा क्यों किया गया, लेकिन पायलट ने केवल इतना कहा कि वह निर्देशों का पालन कर रहे थे।
पुलिस की भूमिका और मामले की जांच
इस घटना के बाद पुणे पुलिस को एक गुमनाम कॉल मिली, जिसमें कहा गया कि ऋषिराज को कुछ अज्ञात लोग अपहरण कर ले गए हैं। इस सूचना के बाद, तानाजी सावंत ने तुरंत पुलिस आयुक्त से संपर्क किया और मामला दर्ज कराया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले को अपहरण के आरोप में जांच शुरू की और यह पाया कि ऋषिराज बैंकॉक की यात्रा पर जा रहे थे, जो उनके परिवार के लिए एक चौंकाने वाली खबर थी।
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